महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर (संभाजी नगर) से पंजाब के अमृतसर गए लोकप्रतिनिधियों की तीन दिवसीय यात्रा विवादों के घेरे में आ गई है. इस यात्रा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
औरंगाबाद नगर निगम के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के बड़े चेहरे जिसमें मंत्री, सांसद, कुछ पूर्व और वर्तमान विधायक, नगर निगम के अधिकारी अपने परिवार समेत तीन दिवसीय ट्रिप के लिए अमृतसर गए हैं.
लोग इस यात्रा की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एक ओर औरंगाबाद शहर की सड़कें-गलियां कूड़े से भरी हुई हैं. मराठवाड़ा का किसान परेशान है और दूसरी तरफ लोकप्रतिनिधि मुफ्त की हवाई सफर करने, आलीशान पांच सितारा होटल में रहने में व्यस्त हैं.
कौन-कौन गया अमृतसर ?
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक औरंगाबाद से अमृतसर के लिए दो चार्टर प्लेन बुक किए थे. इसके लिए दो करोड़ रुपए खर्च किए गए. इस रकम का भुगतान औरंगाबाद के ए टू झेड व्यापारी समूह ने किया है.
इन दो जहाजों में करीब 350 लोगों ने शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब औरंगाबाद से अमृतसर का सफर तय किया. इनमें शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे, बेटा ऋषि खैरे, भाजपा आमदार अतुल सावे , सेना आमदार संजय सिरसाट, कांग्रेस एमएलसी सुभाष झांबाड, सेना सभागृह नेता विकास जैन, बीजेपी कॉर्पोरेटर और पूर्व उप महापौर प्रमोद राठौड़, भाजपा जिलाअध्यक्ष किशनचंद तनवानी, अर्जुन खोतकर, पूर्व विधायक कैलाश गोरियन्टल जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
क्यों हो रही है आलोचना?
लोकप्रतिनिधियों की इस हरकत को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए श्रीकांत उम्रीकर शेतकरी संघठन ने आलोचना करते हुए कहा कि जो भी लोक प्रतिनिधि हैं वो सब गैर जिम्मेदाराना लोग हैं. सारा औरंगाबाद शहर कबाड़ खाना हो गया है.
आरोपों पर क्या दी सफाई?
इस मुद्दे पर आजतक ने जब शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे से बात की तो उन्होंने कहा कि हम सब लोग संभाजीनगर (औरंगाबाद) से अमृतसर आए हैं. चंद्रकांत खैरे ने बताया कि A to Z ये औरंगाबाद का ग्रुप है, हर साल किसी न किसी अच्छे जगह ट्रिप निकालता है, इससे पहले शिरडीवाले साईबाबा को गए थे. सांसद खैरे ने बताया कि इस यात्रा का खर्च हर किसी ने अपनी जेब से उठाया है.
मेयर नंदू कुमार घोडेले ने फोन पर आजतक को बताया कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में माथा टेककर प्रार्थना करेंगे कि औरंगाबाद की कचरे की समस्या जल्दी हल हो जाए.
पंकज खेळकर