अखिलेश यादव को झटका, हाई कोर्ट ने होटल निर्माण पर लगाई रोक

कोर्ट ने पूछा कि हाई सिक्योरिटी जोन में होटल निर्माण की इजाजत कैसे दी गई? कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले के याचिकाकर्ता शिशिर चतुर्वेदी को सुरक्षा देने के भी आदेश दिए हैं.

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

परमीता शर्मा / शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 19 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:19 AM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विक्रमादित्य मार्ग पर हैरिटेज होटल बनाने के सपने को हाई कोर्ट ने झटका देते हुए उसके निर्माण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान होटल बनाने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से भी इस बारे में जवाब मांगा है.

कोर्ट ने पूछा कि हाई सिक्योरिटी जोन में होटल निर्माण की इजाजत कैसे दी गई? कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले के याचिकाकर्ता शिशिर चतुर्वेदी को सुरक्षा देने के भी आदेश दिए हैं. नोटिस अखिलेश यादव, डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को दिये गये हैं.

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बता दें कि विक्रमादित्य मार्ग जैसे हाई सिक्योरिटी जोन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कथित होटल के खिलाफ पीआईएल दाखिल की गई थी. इसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव , सांसद डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट समेत कुल 13 लोगों को पार्टी बनाया था.

याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी का आरोप है कि उन पर अपनी पीआईएल वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कई लोग उनपर लगातार अपनी याचिका वापस लेने के लिए कह रहे हैं. बता दें कि ये याचिका 17 अगस्त को दाखिल की गई थी जिस पर शनिवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये फैसला दिया.

मालूम हो कि जिन संपत्तियों को लेकर सवाल खड़े हुए हैं, उनमें 19ए विक्रमादित्य मार्ग, खसरा नंबर 9डी, मोहल्ला रमना दिलकुशा, नजूल भूमि खसरा संख्या 8सी, मोहल्ला रमना, दिलकुशा और बंदरियाबाग में मकान नंबर सात टाइप छह शामिल हैं. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने शिशिर चतुर्वेदी की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया.

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