लेबनान संकट गहराया, सऊदी ने अपने नागरिकों से फौरन देश छोड़ने को कहा

लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी के सऊदी अरब से रहस्यमय तरीके से इस्तीफा देने के बाद मध्य पूर्व में एक बार फिर से तनाव गहरा गया है. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UEA) ने अपने नागरिकों से फौरन लेबनान छोड़ने और वहां का दौरा न करने को कहा है.

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लेबनान के राष्ट्रपति और सऊदी के किंग सलमान लेबनान के राष्ट्रपति और सऊदी के किंग सलमान

राम कृष्ण

  • रियाद,
  • 10 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:27 AM IST

लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी के सऊदी अरब से रहस्यमय तरीके से इस्तीफा देने के बाद मध्य पूर्व में एक बार फिर से तनाव गहरा गया है. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UEA) ने अपने नागरिकों से फौरन लेबनान छोड़ने और वहां का दौरा न करने को कहा है.

लेबनान सरकार के साथ गहराए तनाव के बाद सऊदी अरब सरकार और संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं. सरकारी समाचार एजेंसी 'सऊदी प्रेस एजेंसी' (SPA) ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि लेबनान गणराज्य में बिगड़े हालात को देखते हुए सऊदी अरब ने अपने नागरिकों से जल्द से जल्द लेबनान छोड़ने को कहा है.

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सऊदी अरब ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी दूसरे देश से भी लेबनान न जाएं. इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात ने अपने नागरिकों से कहा कि वे लेबनान का दौरा करने से बचें.

लेबनान के PM ने सऊदी अरब से दिया था इस्तीफा

शनिवार को लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने सऊदी अरब से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने टेलीविजन संबोधन के जरिए इस्तीफे के फैसले की जानकारी दी. उनके इस ऐलान से पूरा देश दंग रह गया था. इस दौरान उन्होंने अपनी जान को खतरा भी बताया था. इसके बाद से वह अब तक लेबनान में भी नहीं देखे गए.

हिज्बुल्ला संगठन का कड़ा विरोध करता है सऊदी

साद अल-हरीरी ने अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए यह भी कहा कि उनके देश को हिज्बुल्ला के आतंकियों ने बंधन बना लिया है. हालांकि हरीरी सरकार में हिज्बुल्ला की भागीदारी भी थी, लेकिन सऊदी अरब और हिज्बुल्ला संगठन के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. वह हिज्बुल्ला को ईरान का आतंकी संगठन मानता है. सऊदी अरब का मानना है कि लेबनान सरकार में हिज्बुल्ला संगठन की भागीदारी सऊदी के खिलाफ युद्ध है. सऊदी अरब ईरान और हिज्बुल्ला का लंबे समय से विरोध करता आ रहा है.

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नवंबर में ही प्रधानमंत्री नामित हुए थे हरीरी

पिछले साल नवंबर में ही साद हरीरी को लेबनान का प्रधानमंत्री नामित किया गया था. इसके पहले वह साल 2009 से 2011 तक लेबनान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे के समय जान को खतरा भी बताया था. इससे पहले साल 2005 में साद अल-हरीरी के पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक अल-हरीरी की हत्या भी कर दी गई थी.

लेबनान के राष्ट्रपति ने नहीं स्वीकार किया हरीरी का इस्तीफा

लेबनान के राष्ट्रपति माइकल औन ने कहा कि जब तक वह साद हरीरी के रहस्य का खुलासा नहीं हो जाता है, तब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे. लेबनान के राष्ट्रपति ने साद अल-हरीरी के इस्तीफे के कारण का पता लगाने और रहस्य का पर्दाफाश करने के लिए राजनयिक सहायता मांगी है.

साद अल-हरीरी की पार्टी ने देश वापस लौटने को कहा

सऊदी गठबंधन प्यूचर पार्टी ने साद अल-हरीरी को लेबनान वापस लौटने को कहा है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि साद अल-हरीरी को बंधक बनाकर सऊदी में रखा गया है. हरीरी इस्तीफे का ऐलान करने के बाद से लेबनान भी नहीं पहुंचे हैं और न ही उनके बारे में पुख्ता जानकारी है. साद अल-हरीरी ने इस्तीफा देते हुए ईरान पर लेबनान समेत कई देशों में 'डर और विध्वंस' फैलाने का आरोप लगाया था.

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