जानें क्या है अनिल कुंबले का 4D सक्सेस फॉर्मूला...

19 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने वाला एक छरहरा नौजवान आज बतौर भारतीय क्रिकेट टीम कोच अपनी नई पारी शुरू कर रहा है. जानें वो चार शब्‍द जिनके दम पर अनिल ने यह सक्‍सेस पाई है...

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Anil Kumble Anil Kumble

विष्णु नारायण

  • नई दिल्‍ली,
  • 24 जून 2016,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

पूरी दुनिया में क्रिकेट को पसंद करने वाले लोग पूर्व भारतीय क्रिकेटर अनिल कुंबले को सम्मान भरी नजरों से देखते हैं. वे हमेशा से एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते रहे हैं जिसने टीम हित में अपना 100 पर्सेंट दिया है. अपने गेम के स्तर को ऊपर उठाने के लिए कड़ी ट्रेनिंग की. विपक्षी टीमों के लिए हमेशा पहेली बने रहे.

वैसे भारतीय क्रिकेट की बेहतरी चाहने वालों के लिए एक खुशखबरी है कि वे अगले 1 साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनने जा रहे हैं. यहां आप उनके सहज-सरल और जुझारू व्यक्तित्व से सीख सकते हैं बहुत कुछ...

1. जो ठान लिया वो करके दिखाना है...(Determination)
जिंदगी और क्रिकेट की पिच में कुछ खास अंतर नहीं है. कई बार अच्छा करते रहने के बावजूद अच्छे रिजल्ट्स नहीं आते, फिर भी आपको लगातार लगे रहना पड़ता है. कभी आप टीम से बाहर हो जाते हैं. ऐसे में हताश-निराश होने के बजाय बेसिक्स और अप्रोच पर ध्यान दें. देर-सवेर फिर से किस्मत आप पर मुस्कुराएगी और सफलता झक मार कर आपका वरण करेगी.

2. पूरी लगन से काम करें...(Devotion)
गौरतलब है कि कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम में बतौर लेग स्पिनर शामिल हुए और उसी के तौर पर अंत तक बने रहे, लेकिन धीरे-धीरे वे मीडियम पेसर की स्पीड से गेंद फेंकने लगे. वे अपनी धारदार और तेजी वाली गेंदों से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को छठी का दूध याद दिला देते थे.

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3. अनुशासन ही सफलता की सीढ़ी है... (Discipline)
ऐसा हम सभी के साथ अक्सर हो जाता है कि हम जाने-अनजाने में कई नियमों की अनदेखी कर देते हैं, लेकिन कुंबले को हमेशा से ऐसे शख्स के तौर पर जाना जाता रहा है जो स्थापित नियमों को पूरा तरजीह देता रहा है. शायद अनुशासित होने की वजह से ही वे इतने लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बना रहे. हमें भी उनसे अनुशासन सीखने की जरूरत है.

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4. काम के प्रति पूरी निष्‍ठा रखना... (Dedication)
ऐसा लगता ही नहीं कि कुंबले ने कभी क्रिकेट को अलविदा कहा. वे लगातार खेल के टच में रहे. भारतीय क्रिकेट टीम से विदाई के बाद वे आईपीएल में भी जलवे बिखेरते रहे. हमेशा खुद को खेल के नए रूल्स व रेगुलेशन्स से अपडेट रखा. शायद यही वजह थी कि देश-दुनिया के तमाम दिग्गजों के बावजूद उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कोच मनोनीत किया गया.

और भी गौर करने लायक उनकी कुछ खूबियां-
5. हमेशा खुद को संयत रखना...

अनिल कुंबले को हमेशा से ऐसे खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता रहा है जो किन्हीं विपरीत परिस्थितियों में आपा नहीं खोते. विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुराते रहते हैं. वे ऐसे मूव्स बनाते हैं कि विपक्षी चकमा खा जाएं.

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6. हमेशा टीम को रखें आगे...
अब इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि क्रिकेट एक टीम गेम है जहां व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स की भी अपनी अहमियत होती है. कुंबले को भारतीय क्रिकेट का सबसे सफल मैच विनर होने का तमगा प्राप्त है. एक ऐसे देश में जहां सिर्फ बल्लेबाजों को जीत का श्रेय दिया जाता हो. ठीक उसी देश में अनिल कुंबले का भारतीय फलक पर आकर छा जाना बहुत कुछ कहता है.

7. नेवर से डाई स्पिरिट...
क्या आपको अनिल कुंबले की टूटे जबड़े होने के बावजूद चेहरे पर पट्टी बांधे विपक्षियों को गेंद फेंकने वाली तस्वीर याद है? यदि नहीं याद है तो गूगल करें. मैं नहीं समझता कि इसके बाद मुझे कुछ कहने की जरूरत है. हैट्स ऑफ टू यू जंबो जेट...

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