भ‍िलाई में 10वीं और 11वीं के छात्रों ने यूट्यूब से सीख की 100 से ज्यादा बाइक चोरी

स्वेटर बुनने से लेकर लजीज खाना बनाने तक का हुनर सि‍खाने वाला यूट्यूब बच्चों को चोरी करना भी सिखा सकता है. जी हां, ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के भ‍िलाई क्षेत्र में सामने आया है.

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यूट्यूब से सीखा चोरी करना यूट्यूब से सीखा चोरी करना

वंदना भारती / सुनील नामदेव

  • भ‍िलाई ,
  • 17 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

स्वेटर बुनने से लेकर लजीज खाना बनाने तक का हुनर सि‍खाने वाला यूट्यूब बच्चों को चोरी करना भी सिखा सकता है. जी हां, ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के भ‍िलाई क्षेत्र में सामने आया है.

यूट्यूब से ज्ञानवर्धक और मनोरंजनात्मक क्लिप को देखना आम बात है, लेकिन भिलाई के कुछ लड़के यूट्यूब से चोरी करने के तौर तरीके सीख रहे थे. उन्होंने इसके लिए काफी प्रैक्टिकस भी की.

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इसके बाद उन्होंने शहर से गाड़ियां चोरी करना शुरू कर दिया. मोटर बाइक चोरी कर रफू-चक्कर हो जाना उनके बाएं हाथ का खेल था. लेकिन अपनी ही गलती से ये लड़के पुलिस के हत्थे चढ़ गए. वाहनों के चोरी के सिलसिले में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से छह नाबालिग हैं.

हालांकि दर्जन भर और नाबालिग चोरों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. पुलिस के मुताबिक ये सभी लड़के बिगड़े हुए हैं. ज्यादातर चोर बदमाशों की संगत में भी पाए गए. पुलिस के मुताबिक कुछ एक लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को महंगे तोहफे भी देते थे. चोरी की मोटर बाइक को बेचने के बाद उससे मिली रकम को सभी लड़के आपस में बराबर-बराबर बांट लिया करते थे.

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से व्यस्क आरोपियों को जेल और नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है.

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दुर्ग एडिशनल एसपी शशिमोहन सिंह के मुताबिक आरोपी नाबालिग लड़कों के पास से 12 बाइक और एक कार बरामद की गई है. धर दबोचे गए सभी नाबालिग लड़के चोरी के मामले में उस्ताद हैं. उनके पास कई गाड़ियों की मास्टर चाबी है. इलेक्ट्रॉनिक लॉक को भी ये लड़के बड़ी आसानी से तोड़ देते हैं. इनके पास अलग-अलग मोटर बाइकों के लॉक तोड़ने के उपकरण भी हैं. उनके मुताबिक सारे लड़कों के पास अपने एनड्रॉइड मोबाइल हैं, जिस पर वो यूट्यूब देखा करते थे. इसके बाद योजना बनाते और उसे अंजाम तक पहुंचाते थे.

दरअसल, नाबालिक लड़कों के पास हजारों की रकम देखकर किसी शख्स ने पुलिस को सूचना दी थी. सूचना में बताया गया था कि साधारण परिवार के ये लड़के होटलों में रोज पार्टी किया करते हैं. इस पार्टी में हुक्का और शराब तक पीते हैं. पुलिस ने इन लड़कों की गतिविधियों पर नजर रखी. स्कूलों में शिक्षकों के जरिए उनका रिकॉर्ड भी खंगाला गया. तब जाकर पता चला कि सारे लड़के मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और उन्हें जेब खर्च के लिए भी घर वालों से कोई रकम नहीं दी जाती.

इसी बीच एक लड़का नई मोटर साइकिल का सौदा करते पाया गया. पुलिस ने अपना जाल बिछाया और देखते ही देखते ज्यादातर लड़के उसमें फंसते चले गए. पुलिस की माने तो इन लड़कों ने साल भर में सौ से ज्यादा मोटर बाइक को ठिकाने लगाया है. फिलहाल पुलिस नाबालिग लड़कों के रैकेट की पड़ताल में जुटी है.

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