फुटबॉल में सुधरना है तो अमेरिका से सीखे भारतः पेले

38 साल पहले ब्राजील के फुटबॉल दिग्गज पेले के हुनर को कोलकाता के ईडन गार्डंस में लोगों ने देखा था. एक बार फिर पेले अगले महीने यहां लौट रहे हैं.

Advertisement
पेले (फाइल फोटो) पेले (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

38 साल पहले ब्राजील के फुटबॉल दिग्गज पेले के हुनर को कोलकाता के ईडन गार्डंस में लोगों ने देखा था. एक बार फिर पेले अगले महीने यहां लौट रहे हैं.  तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन पेले अगले महीने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के दूसरे सत्र के पहले मैच (एटलेटिको डि कोलकाता vs केरला ब्लास्टर एफसी) में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ बनाए गए हैं. यह मैच साल्ट लेक स्टेडियम में 13 अक्टूबर को खेला जाना है. इसके बाद पेले 15 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेंगे जहां वो 16 अक्टूबर को होने वाले सुब्रतो कप के फाइनल मुकाबले को बतौर स्पेशल गेस्ट देखेंगे.

Advertisement

लगभग चार दशक बाद आए हैं वापस
1977 के भारत दौरे के विषय में पेले ने कहा, ‘मुझे आज भी वो दौरा याद है. तब भारत आने के लिए कई यूरोपीय फुटबॉलर तैयार हो गए थे. जब हम कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचे तो हमारी टीम के सेंटर फॉरवर्ड, इटली के स्ट्राइकर, जियोर्जियो चिनाग्लिया ने प्लेन से बाहर देखा और आश्चर्य से कहा, ‘ओह, हम यहां नहीं निकल सकते... बाहर बहुत सारे लोग खड़े हैं.’ मैं उस शानदार स्वागत को कभी नहीं भूल सकता.

भारतीय फुटबॉल के अच्छे दिन आएंगे
भारतीय फुटबॉल के भविष्य के विषय में पेले ने कहा, ‘अगर आपका देश वर्ल्ड कप खेलता है तो कई बेहतरीन खिलाड़ियों का नाम होता है. मुझे यकीन है कि भविष्य में भारत के पास भी कुछ अच्छे फुटबॉल प्लेयर्स होंगे. मुझे लगता है कि जब आप अनुभवी प्लेयर्स को बुलाते रहेंगे तो आपके खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. मैं यह अमेरिका में मिले अनुभवों के आधार पर कह रहा हूं. जब मैं वहां गया, वहां का सेट अप बिल्कुल ही नौसिखिया था. लेकिन बाद में वो बहुत मजबूत हो गया क्योंकि तब कई अनुभवी विदेशी खिलाड़ी वहां खेलने जाते रहे. मुझे लगता है कि भारत के साथ भी ऐसा ही है. अनुभवी खिलाड़ियों के आने से यहां के खिलाड़ियों को सीखने को मिलेगा और इससे युवा खिलाड़ी हुनरमंद बनेंगे.’ पेले को क्रिकेट की जानकारी नहीं है. उन्होंने टीवी पर क्रिकेट देखा जरूर हैं लेकिन उन्हें इसके कायदे कानून पता नहीं हैं.

Advertisement

दूसरा पेले नहीं पैदा होगा
यह पूछे जाने पर कि क्या ब्राजील पेले जैसा खिलाड़ी कभी फिर पैदा करेगा. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, मैं कहना चाहूंगा, कभी नहीं क्योंकि मेरी मां और पिता ने मशीन बंद कर दी है. देखिए, हमने कई अच्छे प्लेयर्स देखे हैं. लोग कई बार उन बहुत सारे अच्छे खिलाड़ियों को याद नहीं करते. लेकिन मैं फ्रांज बेकनबेऊर, जिको, योहान क्राइफ, एल्फ्रेड डी स्टीफानो और जॉर्ज बेस्ट जैसे प्लेयर्स को कभी नहीं भूल सकता. हम माराडोना की बातें तो बहुत करते हैं लेकिन दूसरों को लोग कई बार भूल जाते हैं. मेरे विचार से हम जिको, बेस्ट और बेकनबेऊर को कभी नहीं भूल सकते. मेरा मानना है कि गैरिंचा, बेस्ट और जिको, पेले जैसे खिलाड़ी हैं.’

तकनीक से आया बड़ा अंतर
उन्होंने उनके जमाने और आज के फुटबॉल में सबसे बड़ा अंतर तकनीक को बताया. उन्होंने कहा, ‘तकनीक के इस्तेमाल की वजह से आज फुटबॉल मेरे समय की तुलना में बेहद अलग है. मैं सुना करता हूं, ओह, वो एक शानदार खिलाड़ी है. हर पीढ़ी में कोई न कोई स्टार खिलाड़ी होता ही है. लेकिन अगर पहले से आज की तुलना की जाए तो मुझे लगता है कि अब खिलाड़ियों के पास बहुत कम अवसर होता है. मेरे कहने का मतलब, अगर आप अच्छी टीम हैं तो आप गेम में बढ़िया कर सकते हैं. आपके पास अच्छे खिलाड़ी हैं तो आपका खेल बेहतर होगा. हमेशा से ऐसा ही होता आया है.’

Advertisement

नेमार बनेगा बेस्ट प्लेयर
नेमार के विषय में पूछे जाने पर पेले ने कहा, ‘नेमार के विषय में बातें करना आसान है क्योंकि वो हमारे बीच बड़ा हुआ है. मुझे लगता है कि उसके पास दुनिया का सबसे बेहतरीन फुटबॉलर बनने की भरपूर क्षमताएं हैं. उसके उज्जवल भविष्य को लेकर कोई शंका नहीं है.’यह पूछे जाने पर कि आपके लिए फुटबॉल क्या मायने रखता है. पेले ने कहा, ‘मेरे लिए फुटबॉल ही सबकुछ है... यह मेरी जिंदगी है. इसने मुझे दुनिया घूमने का अवसर दिया, जीवन दर्शन का अनुभव कराया. मेरे पिता भी एक फुटबॉलर थे. इसी की वजह से मुझे फुटबॉल खेलने और इसका बेहतरीन खिलाड़ी बनने का अवसर मिला.'

पेले ने इस मौके पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया है

वीडियो यूट्यूब से साभार

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement