वाराणसी में साधु-संतों पर लाठीचार्ज के विरोध में 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी

वाराणसी में साधु-संतों पर लाठीचार्ज के बाद मामला पूरी तरह गरमा गया है. लाठीचार्ज के विरोध में करीब 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. गणपति विसर्जन आंदोलन से पार्टी के विधायकों के दूर रहने से कार्यकर्ता भड़क गए. जबकि प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह परिवार का मामला है, सुलझ जाएगा.

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aajtak.in

  • वाराणसी,
  • 27 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

वाराणसी में साधु-संतों पर लाठीचार्ज के बाद मामला पूरी तरह गरमा गया है. लाठीचार्ज के विरोध में करीब 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. गणपति विसर्जन आंदोलन से पार्टी के विधायकों के दूर रहने से कार्यकर्ता भड़क गए. जबकि प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह परिवार का मामला है, सुलझ जाएगा.  

गौरतलब है कि धार्मिक नगरी वाराणसी में मूर्ति विसर्जन को लेकर विवाद हो गया था. विसर्जन के दौरान संतों पर लाठीचार्ज हुआ जिसका विरोध करते हुए दुर्गा पूजा आयोजन समिति ने नवरात्र में दुर्गा मूर्ति ना बैठाने का ऐलान भी किया है. विवाद गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर है.

हाईकोर्ट द्वारा गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन रोकने के आदेश के बाद प्रशासन ने वाराणसी में गणपति भक्तों और संतों पर लाठीचार्ज की थी. इस घटना में घायल संत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अस्पताल से अपने आश्रम पहुंचे और वाराणसी के केदार घाट पर प्रशासन की मौजूदगी में गंगा की मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर अपना विरोध दर्ज किया.

गौरतलब है कि बीते दिनों वाराणसी के गोदौलिया चौराहे पर गणेश प्रतिमा के गंगा में विसर्जन की मांग को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने शिष्यों सहित धरने पर बैठे थे. बुधवार को पुलिस की लाठीचार्ज में कई संत घायल हो गये थे.

अस्पताल से निकलकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातनी परंपरा के साथ गणेश प्रतिमा का गंगा में विसर्जन कर अपना विरोध दर्ज किया. इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने लाठीचार्ज के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं.

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