राज्यसभा की सदस्यता से बसपा सुप्रीमो मायावती के इस्तीफे के बाद इस बात पर चर्चा होने लगी है कि उनका इस्तीफा मंजूर हो गया तो फिर राज्यसभा में कैसे जा पाएंगी. इस बीच अपने बेटे को लेकर सियासी उठापटक में उलझे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मायावती को राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है. हालांकि, अभी मायावती का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है और तकनीकी रूप से माना जा रहा है कि सभापति ये इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन उससे पहले ही मायावती के पक्ष में विपक्ष की गोलबंदी शुरू हो गई है.
लालू यादव ने कहा कि मायावती सदन में दलितों की आवाज उठा रही थीं, लेकिन बीजेपी के सदस्यों ने उन्हें बोलने नहीं दिया. लालू ने कहा इस बात में कोई शक नहीं कि मायावती देश की दलित नेता हैं और उन्हें सदन में दलितों की बात नहीं रखने दी गई. उन्होंने कहा अगर मायावती सहमत होती हैं तो वो अपनी पार्टी के कोटे से उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए तैयार हैं.
हालांकि, अभी तक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. जिसकी एक वजह ये भी कि उन्होंने तीन पन्नों का त्यागपत्र सौंपा है, जो नियमों के खिलाफ है. ऐसे में फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर होना मुमकिन नहीं है.
जावेद अख़्तर