बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने दिल्ली विधानसभा की 70 में से 57 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. लेकिन ऐसा क्या फेर है कि बीजेपी 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के अंदर अकाली दल के साथ गठबंधन के सवाल और सांसदों को चुनाव लड़ाने पर विचार चल रहा है.
बीजेपी, जिन 13 सीटों पर उम्मीदवार नहीं घोषित कर पाई है उनमें बुराड़ी, कस्तूरबा नगर, दिल्ली कैंट, हरि नगर, कालकाजी ,शाहदरा, राजौरी गार्डन, मेहरौली, कृष्णा नगर, नांगलोई जाट, संगम विहार, सीमापुरी और नई दिल्ली शामिल हैं.
सांसद को चुनाव लड़ाने पर संकट!
नई दिल्ली सीट पर ऐसे उम्मीदवार की खोज की जा रही है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके घर में ही घेर सके. इस बीच सांसदों को चुनाव लड़ाने को लेकर भी मंथन जारी है. हालांकि इसमें बीजेपी के सामने संकट यह है कि अगर वो किसी सांसद को चुनाव लड़ाते हैं तो पार्टी के अंदर संदेश जाएगा कि वही दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होगा.
सूत्रों का मानना है कि बीजेपी प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी तीनों बीजेपी सांसदों को चुनावी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक मनोज तिवारी को बुराड़ी सीट, प्रवेश वर्मा को मेहरौली सीट या नांगलोई जाट सीट और मीनाक्षी लेखी को कस्तूरबा नगर या फिर दिल्ली कैंट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
जाहिर है प्रवेश वर्मा मेहरौली सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं. इस सीट पर जाटों का दबदबा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे जाट नेता साहिब सिंह वर्मा इसकी मिसाल हैं. 1993 में बीजेपी इनके बलबूते ही दिल्ली में सरकार बना पाई थी और प्रवेश वर्मा साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं.
वहीं मीनाक्षी लेखी पंजाबी नेता हैं. दिल्ली की राजनीति में पंजाबी नेताओं का हमेशा से बोलबाला रहा है. पंजाबी नेता मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हालांकि, पिछले 20 सालों में दिल्ली के अंदर पूर्वांचलियों की अहमियत बढ़ गई है जिसे देखते हुए बीजेपी सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को बुराड़ी सीट से चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है.
वहीं अकाली दल के साथ गठबंधन को लेकर भी एक पेच फंसा हुआ है. बीजेपी अकाली दल को 2 या 3 सीटें देना चाहती है जबकि अकाली दल चार सीटों की मांग कर रही है. बता दें, अकाली दल 2015 में भी चार सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन इस बार बीजेपी कालकाजी सीट और शाहदरा सीट अकाली दल को देने पर राजी नहीं है. फिलहाल इस मुद्दे को लेकर मंथन जारी है.
रोहित मिश्रा