इस 'जंग' की सुबह नहीं. दिल्ली की राजनीति से जो संदेश निकलकर आ रहा है, वह बिल्कुल यही कह रहा है. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बनाम एलजी नजीब जंग के विवाद में अब तक सुलह का रास्ता नहीं निकला है. कानून और संविधान का हवाला देकर दोनों पक्ष आमने-सामने खड़े हैं.
AAP नेता आशुतोष ने IAS एसोसिएशन के लिए 'कुंभकर्ण' शब्द का इस्तेमाल करके संभवत: नए विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'जब केंद्र के गृह सचिव और विदेश सचिव का अपमान किया गया और उन्हें पद से हटाया गया, तब आईएएस एसोसिएशन कुंभकर्ण की तरह सो रही थी.'
अधिकारियों का नहीं, पद का दुरुपयोग करने वालों का मनोबल गिरा: सिसोदिया
उधर अधिकारियों का मनोबल गिरने के आरोपों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ' सरकार का हर अधिकारी अपने मंत्री और सीएम के साथ पूरी ऊर्जा से लगा है. दिल्ली में पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग इंडस्ट्री चलती थी. मनोबल अधिकारियों का नहीं, पद का गलत इस्तेमाल करने वालों का गिरा है.'
बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्र पर एलजी के जरिये दिल्ली में सरकार चलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार को संविधान-सम्मत और स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट में अफसरों पर निशाना साधा.
दो संवैधानिक किरदारों के बीच अहम और अधिकारों की जंग परवान पर है. फिलहाल रास्ता निकलता नहीं दिख रहा है. डर है कि कहीं दिल्ली और दिल्ली की जनता को इसकी कीमत ना चुकानी पड़े.
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