दाढ़ की तकलीफ से परेशान रह चुके हैं अमिताभ बच्चन, केबीसी में सुनाया किस्सा

2 अक्टूबर को प्रसारित हुए केबीसी के खास एपिसोड की शुरुआत अमिताभ बच्चन ने 'गांधी को अगर समझना है तो खुद गांधी बनकर देखो' कविता के साथ की.

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अमिताभ बच्चन (फोटो- ट्विटर) अमिताभ बच्चन (फोटो- ट्विटर)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

केबीसी के कर्मवीर स्पेशल में इंदौर मुनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर आशीष और सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर डॉ बिदेश्वर पाठक पहुंचे. यहां उन्होंने महात्मा गांधी के बारे में कई बातें बताईं. शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने महात्मा गांधी के स्वच्छता के सपने के बारे में बताया. दोनों कंटेस्टेंट ने स्वच्छता पर बहुत काम किया है. दोनों कंटेस्टेंट ने अपने स्वच्छ मिशन के बारे में भी बात की.

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शो में अमिताभ बच्चन ने दोनों कंटेस्टेंट से दांत से जुड़ा एक सवाल पूछा था. इसका जवाब देते हुए सही बताने के बाद बिग बी ने बताया कि उन्हें भी दांत से जुड़ी समस्या थी. बिग बी ने बताया कि हमारे पीछे के दांत जिसे हम दाढ़ कहते हैं सबसे ज्यादा काम करती है. खाने का काम भी इन्हीं दांत से होता है. अमिताभ बच्चन ने कहा, अगर कभी दांत में परेशानी होती है तो यही दांत सबसे ज्यादा परेशान करते हैं.

कौन हैं बिदेश्वर पाठक?

2 अक्टूबर को प्रसारित हुए केबीसी के खास एपिसोड की शुरुआत अमिताभ बच्चन ने 'गांधी को अगर समझना है तो खुद गांधी बनकर देखो' कविता के साथ की. भारत के अलावा कई अलग देशों में भी स्वच्छता की मुहिम छेड़ चुके डॉ. बिंदेश्वर पाठक आज के एपिसोड में कर्मवीर के रूप में हॉटसीट पर बैठे थे. जिनसे बातचीत में अमिताभ बच्चन ने अपनी दाढ़ की परेशानी वाली बात कही.

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आशीष सिंह भी केबीसी के स्टेज पर पहुंचे. इन्होंने महज 6 महीने में इंदौर का कई सौ मीट्रिक टन कूड़ा उठवाया और सबसे स्वच्छ शहर बना दिया था. इन्होंने डॉ. बिंदेश्वर पाठक के साथ मिलकर काफी वक्त से काम किया है. बिंदेश्वर पाठक सुलभ इंटरनेशनल मिशन की शुरुआत करने वाले शख्स हैं.

टॉयलेट रोकने का आसान तरीका

डॉ पाठक ने इसके अलावा एक बेहद दिलचस्प तरीके के सहारे ये भी बताया कि अगर इमरजेंसी स्थिति आ गई हो और आपको लगी हो और आसपास कोई भी पब्लिक टॉयलेट मौजूद ना हो तो इस एक तकनीक के सहारे आप टॉयलेट को रोक सकते हैं. डॉ पाठक ने बताया कि अपने बाएं हाथ में सबसे छोटी उंगली की तरफ से अपने हाथों को एक्यूपंचर के तरीके से दबाने की कोशिश करें और एंटी क्लॉक वाइस दिशा में चलते हुए एक स्कवॉयर को पूरा करते हुए पूरी हथेली को कवर कर लें. इससे प्रेशर में काफी फर्क पड़ेगा.

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