MP:क्या कांग्रेस के पास बरकरार रहेगी खरगोन की कसरावद विधानसभा सीट?

1993, 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सुभाष यादव यहां से लगातार चुनाव जीते थे. हालांकि सुभाष यादव अपनी जिंदगी का आखिरी चुनाव इसी सीट से उस वक्त हारे जब पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर थी.

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कसरावद विधानसभा सीट. कसरावद विधानसभा सीट.

आदित्य बिड़वई

  • खरगोन,
  • 28 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

मध्य प्रदेश के खरगोन की कसरावद विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सचिन यादव ने यहां जीत हासिल की थी. उन्हें 79685 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी आत्मा राम पटेल दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें  67880 वोट मिले थे.

इसके पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के आत्माराम यहां जीते थे. उस वक्त वर्तमान विधायक सचिन यादव के पिता सुभाष यादव इस सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उनकी हार हुई थी. इसके बाद 2013 में उनके बेटे सचिन यादव ने जीतकर अपने पिता की हार का बदला लिया.

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बता दें कि 1993, 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सुभाष यादव यहां से लगातार चुनाव जीते थे. हालांकि सुभाष यादव अपनी जिंदगी का आखिरी चुनाव इसी सीट से उस वक्त हारे जब पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर थी.

अब बीजेपी एक बार फिर इस सीट पर अपना कब्जा जमाने में लगी है. उधर सचिन भी लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय बने हुए हैं. कांग्रेस खेमे की सीट होने से बीजेपी सत्ता के बल पर इस सीट पर अपना कब्जा जमाने का प्रयास करेगी.

2018 के विधानसभा चुनाव के लिए यहां से बीजेपी संभावित प्रत्याशी आत्माराम पटेल (पूर्व विधायक) और राजेंद्र यादव (पूर्व जिलाध्यक्ष) हैं. वहीं, कांग्रेस के सचिन यादव (विधायक), अरुण यादव (पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष) दावेदार हैं.

कसरावद सीट के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यादव समाज का यहां अच्छा ख़ासा दबदबा है. इसके अलावा यहां पाटीदार, राजपूत व पटेल समाज राजनीतिक रूप से दबदबा रखते हैं.

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