कश्मीर में केंद्र की आक्रामक नीति बहुत कारगर साबित नहीं हो रही है, घाटी में और ज्यादा युवा आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं. साल दर साल आतंक की पाठशाला में घाटी के युवाओं की दाखिला लेने की संख्या बढ़ रही है. पीडीपी के साथ भाजपा की गठबंधन सरकार पूरी तरह से विफल नजर आ रही है.
साल दर साल तेजी से आतंकी बन रहे युवा
-2015 में 66 नए युवा आतंकवादी बनें जबकि 100 से ज्याद आतंकी मारे गए.
-2016 में 88 युवा आतंकवादी बनें जबकि 150 आतंकी मारे गए.
-2017 में 126 युवा आतंकी बनें जबकि 213 आतंकी मारे गए.
-2018 में 48 युवाओं ने अब तक आतंकी संगठनों का दामन थामा जबकि अप्रैल में 16 आतंकी और पिछले चार महीनों में 63 आतंकी मारे गए.
इनमें 34 स्थानीय लोग भी शामिल हैं.
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संध्या द्विवेदी / मंजीत ठाकुर