कार्ति चिदंबरम को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 3 दिन की CBI रिमांड में भेजा

सुनवाई के दौरान कार्ति के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में ईडी ने कोई FIR दर्ज नहीं की है, ऐसे में ECIR के आधार पर गिरफ्तारी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्ति ने अपने पिता से लिए कर्ज का भुगतान समुचित तरीके से किया, इसे एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग बना दिया.

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संजय शर्मा / अनुषा सोनी / पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

INX मीडिया मामले में मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की पेशी हुई. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से तुषार मेहता ने कोर्ट से कार्ति की रिमांड 9 दिन बढ़ाने की मांग की. जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति की सीबीआई रिमांड 3 दिन और बढ़ाने का आदेश दिया.

कोर्ट ने कार्ति को राहत न देते हुए उन्हें 9 मार्च तक सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया है. सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने मांग की थी कि अभी इस मामले में और पूछताछ होनी है, इसलिए हिरासत बढ़ाई जाए.

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तुषार मेहता ने इस दौरान सीबीआई स्पेशल कोर्ट को सीलबंद लिफाफा सौंपा. उनका कहना है कि वह जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं इसलिए सीलबंद लिफाफे में जानकारी दे रहे हैं. तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इंद्राणी मुखर्जी का बयान सिर्फ मामले में एक सबूत की तरह है. सीबीआई ने कहा है कि अगर कार्ति को जमानत दी जाती है, तो सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के समन को रद्द करने की अपील को ठुकरा दिया है. इसका मतलब ईडी की तरफ से जारी पूछताछ और कार्रवाई पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर दो दिनों में जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी, जिसमें अंतरिम राहत पर विचार हो सकता है. कोर्ट ने कहा है कि इस नोटिस का असर मामले में चल रही किसी भी जांच पर नहीं पड़ेगा. 

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पहले नहीं पहुंच पाए थे तुषार मेहता

पहले करीब 12 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन इसके बाद 2 बजे तक के लिए सुनवाई टल गई थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि अभी तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में किसी सुनवाई के लिए गए हुए हैं, इसलिए 2 बजे के बाद सुनवाई करें. लेकिन कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई अपने समयानुसार ही शुरू होगी.

सिब्बल ने किया विरोध

सुनवाई के दौरान कार्ति के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में ईडी ने कोई FIR दर्ज नहीं की है, ऐसे में ECIR के आधार पर गिरफ्तारी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्ति ने अपने पिता से लिए कर्ज का भुगतान समुचित तरीके से किया, इसे एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग बना दिया.

रिपोर्ट में कहा गया कि कार्ति ने एक नेता को रकम का भुगतान किया, सिब्बल ने कहा कि जबकि वो नेता तो कार्ति के पिता ही हैं. एजेंसियों ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग बना दिया. वहीं ASG तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति को राहत देने से दूसरे मुकदमों पर असर पड़ेगा.

गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम INX मीडिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. कार्ति ने इस मामले में ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिका में कार्ति की ओर से कहा गया है कि ईडी और सीबीआई ने इस मामले में अभी तक उनसे जो भी पूछताछ की है, वह मसला एफआईआर में दर्ज ही नहीं है.

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ईडी की भी नज़र

ईडी जल्द ही इस मामले में सीनियर नेता के रोल की जांच करेगा. ईडी इस मामले में जल्द ही कार्ति के रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में लेन-देन पर रोक लगा दी है. ईडी के मुताबिक, कार्ति के चेन्नई बैंक अकाउंट से कुछ नेताओं को करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया है. 

ये पैसा 2006 से 2009 के बीच ट्रांसफर किया गया है, ईडी कार्ति से इस मुद्दे पर पूछताछ कर सकती है. कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने अकाउंट खाते 397990 से लेनदेन की है.

जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं कार्ति

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कार्ति चिदंबरम बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि वह जांच में किसी तरह से सहयोग नहीं दे रहे हैं. सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने से पहले भी यही आरोप लगाए थे.

आपको बता दें कि यह मामला 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है. आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया ने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) क्लीयरेंस हासिल करने में अनियमितता बरती थी. आरोप हैं कि कार्ति की कंपनी को यह फंड दिलवाने के लिए 10 लाख रुपये मिले थे.

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