‘लोकतंत्र में सरकार-विपक्ष से नैतिकता की उम्मीद’, कर्नाटक पर SC की टिप्पणी

सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर के फैसले को बरकरार रखते हुए विधायकों को अयोग्य ही बताया है, लेकिन विधायकों को चुनाव लड़ने की राहत दे दी है.

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कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

  • कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
  • 17 विधायक अयोग्य ही रहेंगे
  • उपचुनाव में हिस्सा ले सकेंगे विधायक

कर्नाटक के अयोग्य विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बुधवार को फैसला सुनाया गया. सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर के फैसले को बरकरार रखते हुए विधायकों को अयोग्य ही बताया है, लेकिन विधायकों को चुनाव लड़ने की राहत दे दी है. अपने फैसले के दौरान अदालत की ओर से विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार को लेकर कुछ टिप्पणियां भी की गई हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें...

-    अगर अयोग्य विधायक उपचुनाव में जीतकर आते हैं, तो वह सरकार में कोई भी पद ले सकते हैं.

-    हमारा फैसला फैक्ट के आधार पर है, इसमें स्पीकर के पास जो विधायक को अयोग्य करार देने की ताकत है उसको नहीं छेड़ा गया है.

-    अयोग्य करार दिए गए विधायकों के द्वारा पहले हाईकोर्ट ना जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट के पास आने पर अदालत ने नाराजगी जताई है.

-    विधानसभा स्पीकर सिर्फ विधायकों के अयोग्य करार कर सकता है, लेकिन ये नहीं तय कर सकता है कि विधायक कबतक चुनाव नहीं लड़ेंगे.

-    संसदीय लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों से नैतिकता की उम्मीद होती है.  

आपको बता दें कि कर्नाटक में 5 दिसंबर को 15 सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसके नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सभी विधायक इन चुनाव में किस्मत आजमा सकेंगे. पिछले साल कर्नाटक में कांग्रेस के 14, जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था.

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कब दिया था विधायकों ने इस्तीफा?

राज्य में मची राजनीतिक उथलपुथल के बीच विधायकों ने अपना पद त्यागा था, जिसके बाद विधानसभा में वोटिंग से एक दिन पहले स्पीकर रमेश कुमार ने 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इसी के बाद विधायक इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.

इसी हलचल के बाद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिर गई थी और भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सरकार बना ली थी.

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