कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को रमेश बनाम सुरेश के रूप में जेडीएस-कांग्रेस और बीजेपी के रूप में नई लड़ाई देखी जा रही थी, लेकिन ऐन मौके पर बीजेपी की ओर से अपना उम्मीदवार हटा लेने के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश कुमार नई विधानसभा के निर्विरोध स्पीकर चुन लिए गए.
नई सरकार की ओर से शुक्रवार को बहुमत हासिल करने से पहले स्पीकर का चयन किया जाना था और इसके लिए कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार ने श्रीनिवासपुर के विधायक रमेश कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने भी रजनीनगर के विधायक सुरेश कुमार के रूप में अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया था. सुरेश 5 बार के विधायक हैं.
सरकार की पहली बड़ी जीत
दोपहर 12 बजे स्पीकर के लिए होने वाले चुनाव से ऐन वक्त पहले बीजेपी ने अपना उम्मीदवार हटा लिया और इस तरह से कांग्रेस के विधायक रमेश कुमार निर्विरोध स्पीकर चुन लिए गए.
कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी सरकार के फ्लोर टेस्ट पर जाने से पहले स्पीकर का चयन किया जाना था. शक्ति परीक्षण से पहले जेडीएस-कांग्रेस की मिली जुली सरकार की यह पहली बड़ी जीत है.
पिता के बाद बेटे की सरकार में स्पीकर
रमेश कुमार के लिए एक अनोखी बात यह होगी कि वह पिता के बाद पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के दौरान स्पीकर की भूमिका निभाएंगे. एचडी देवगौड़ा के बाद उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहते हुए सदन में स्पीकर बने हैं.
6 बार विधायक रहे केआर रमेश कुमार पहले भी स्पीकर की भूमिका निभा चुके हैं. 1994 से 1999 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और जेएच पटेल के मुख्यमंत्रीत्व काल में भी वह स्पीकर रह चुके हैं.
'सज्जन पुरुष हैं रमेश'
रमेश कुमार के चुने जाने के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता येदियुरप्पा ने कहा, 'यह खुशी की बात है कि रमेश कुमार स्पीकर चुन लिए गए हैं. वह पूर्व मंत्री रहे हैं. वह सज्जन पुरुष हैं.'
सिद्धारमैया सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री रहे रमेश कुमार के स्पीकर पद के लिए एचडी देवगौड़ा ने भी अपनी सहमति जता दी थी.
पेशे से किसान रहे रमेश ने स्नातक की शिक्षा हासिल की है और इस बार वह कोलार जिले के श्रीनिवासपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं. अपने चुनावी हलफनामे में 10 करोड़ की संपति होने की बात कही है.
सुरेंद्र कुमार वर्मा