विकास दुबे के मामले में आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने माना है कि अगर मौके पर चौबेपुर एसओ विनय तिवारी एक्शन लेते तो कई अपराधी मारे जाते. उनकी शिथिलता पर उनको सस्पेंड किया गया है. थाने के सभी पुलिसकर्मियों की जांच हो रही है. किसी की कमी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. उहोंने बताया कि 21 नामजद आरोपी हैं जिनमें दो मारे गए हैं. एक आज मुठभेड़ में घायल है.
मोहित अग्रवाल ने बताया कि चौबेपुर के निलंबित थानाध्यक्ष पर घटना के एक दिन पहले विकास दुबे ने राइफल तानी थी, लेकिन थानाध्यक्ष ने यह बात छुपाई और उनकी लापरवाही के चलते यह घटना हुई. अगर हमें इस बात की जानकारी होती तो हम पूरी तैयारी और बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर जाते.
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असल में, कानपुर एनकाउंटर के बाद चौबेपुर थाना शक के घेरे में है. आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी विकास दुबे की मदद में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ़ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा. पुलिस विभाग से बर्खास्त भी किया जाएगा.
मामले में दर्ज FIR की कॉपी
मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी हो रही है. जल्द ही पुलिस को इसमें सफलता हासिल होगी. उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है. कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है.
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मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी पुलिस कर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी, 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और बर्ख़ास्त भी होंगे.
कानपुर आईजी ने बताया कि इस पूरी घटना में 21 नामजद हैं और 50-60 अज्ञात हैं. 8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद हमने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमें दो बदमाश मारे गए. इसमें एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार की बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी. गोलियां मेरे बगल से भी निकलीं और हमारे दो सिपाही घायल हुए.
नीलांशु शुक्ला / रंजय सिंह