अभिनेत्री काजोल के साथ नवीन कुमार ने की बातचीतः
विदेशी फिल्म इन्क्रेडेबल्स-2 में अपनी आवाज देने के लिए आप बहुत ज्यादा उत्साहित क्यों थीं?
असलियत यह है कि मैं सुपर पावर की बहुत बड़ी फैन हूं. मेरे सामने सुपर पावर से लैस एक महिला को अपनी आवाज देने का प्रस्ताव था और यह मौका मैं गंवाना नहीं चाहती थी. इसलिए ज्यादा जोश था.
सुपर पावर को लेकर आप क्या सोचती है?
मेरा मानना है कि असल जिंदगी में हर इनसान के अंदर एक सुपर पावर है और यही उसकी खासियत होती है.
आपकी आवाज से जो कैरेक्टर जीवंत हुआ है उसके बारे में बताएं?
वह भी एक मां हैं. बिल्कुल टिपिकल मां हैं. इनका नाम हेलेन है. वो अपने बच्चों की प्रति काफी सजग रहती हैं. उन्हें बात करने की आदत है, वे भागते-दौड़ते बात करती रहती हैं.
इन्क्रेडेबल्स से आपके मन में किस तरह का चित्र उभरता है?
मेरे मन में महिलाओं का ही चित्र उभरता है. मेरा मानना है कि पूरी दुनिया में इन्क्रेडेबल्स महिलाएं होती हैं, वे सुपर वुमेन होती हैं.
ऐसी और फिल्मों में अपनी आवाज देना पसंद करेंगी?
बिल्कुल. मैं ज्यादा से ज्यादा फिल्मों में अपनी आवाज देना पसंद करूंगी. मुझे यह काम काफी पसंद है.
ईला फिल्म में आपने किस तरह का किरदार निभाया है?
यह फिल्म एक गुजराती नाटक बेटा, कागडो पर आधारित है. इसमें एक मां-बेटे के रिश्ते को दिखाया गया है. मैं एक सिंगल पैरेंट की भूमिका में हूं.
काजोल की जिंदगी कैसी है?
देखिए, मैं अपनी जिंदगी से बहुत प्यार करती हूं. इसे खूबसूरत बनाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है.
और काजोल के अंदर एक मां का कैसा रूप दिखता है?
थोड़ी नरम, थोड़ी कड़क, नियमों को मानने वाली मां है. शायद यही वजह है कि बच्चों को दुलार-प्यार करने के मामले में अजय देवगन मुझसे थोड़े बेहतर साबित हो जाते हैं. लेकिन मां तो आखिरकार सबसे ऊपर ही होती है.
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संध्या द्विवेदी / मंजीत ठाकुर