उपचुनाव में हार के बाद भी बीजेपी को 'मोदी फैक्‍टर' पर भरोसा

इस हार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले आम चुनावों में यदि विपक्ष एकजुट हो जाए तो राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी राह बड़ी मुश्किल हो जाएगी.

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पीएम नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी

रणविजय सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

उपचुनावों के गुरुवार को आए नतीजों में भाजपा को कई सीटों पर मिली हार से लग रहा है कि अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा को एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन पार्टी के नेताओं ने जोर देकर कहा है कि राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ 'मोदी फैक्टर' 2019 में भाजपा को जीत दिलाएगी.

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद गुरुवार को कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इस हार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले आम चुनावों में यदि विपक्ष एकजुट हो जाए तो राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी राह बड़ी मुश्किल हो जाएगी.

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साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 71 जबकि इसके सहयोगी अपना दल को दो सीटें हासिल हुई थीं, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में ऐसा प्रदर्शन दोहराने के लिए भाजपा को फिर से वोटों को एकजुट करने के जोरदार प्रयास करने होंगे.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले हफ्ते कहा था कि एकजुट विपक्ष की चुनौती को निष्प्रभावी करने के लिए 2019 में 50 फीसदी वोट प्रतिशत प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की जाएगी.

बहरहाल, बीजेपी ने उपचुनावों में अपनी हार को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. वह महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में सिर्फ पालघर सीट ही बरकरार रख पाई.

भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि, 'मोदी फैक्टर' ने कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई है, लेकिन उपचुनावों में लोग स्थानीय मुद्दों, जातियों और उम्मीदवारों को देखकर वोट देते हैं. क्योंकि उन्हें पता होता है कि इन नतीजों का केंद्र या राज्यों में कोई असर नहीं होगा.

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