गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को पलीता लगाने के लिए शातिर टैक्स चोर जुट गए हैं. इंडिया टुडे की जांच से सामने आया है कि किस तरह देश के अति आधुनिक टैक्स सुधार GST को अंगूठा दिखाने के लिए दकियानूसी तरीके अपनाए जा रहे हैं.
1 जुलाई से देश भर में अमल में आए GST का उद्देश्य देश को आर्थिक तौर पर एक करना और इसके 125 करोड़ लोगों को एक बाजार में तब्दील करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST को लॉन्च करते हुए कहा था कि ये देश के आर्थिक एकीकरण को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा था कि देश में 500 तरह के टैक्स हैं जिनसे हम छुटकारा पाने जा रहे हैं. गंगानगर से ईटानगर तक और लेह से लक्षद्वीप तक, एक देश, एक टैक्स रहेगा.
हालांकि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इंडिया टुडे की ओर से की गई सजग जांच से सामने आया कि किस तरह व्यापारियों ने GST को उलटने के लिए कुटिल तरीके इजाद भी कर लिए हैं. इंडिया टुडे की अंडर कवर टीम ने मुंबई के अलग अलग बाजारों में पता लगाया कि किस तरह व्यापारी पिछली तारीखों के बिलों के जरिए माल बेच रहे हैं. तहकीकात में कैमरे पर सामने आया कि किस तरह समाप्त किए जा चुके VAT वॉउचर्स को अब भी जारी किया जा रहा है. इन स्टोर्स पर ग्राहकों को VAT के जरिए ऐसी लुभावनी पेश की जाती हैं कि वो अनदेखी नहीं कर पाते. उन्हें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर पुराने और नए टैक्स का अंतर दिखाकर अपना उल्लू सीधा किया जाता है.
मुंबई के आरसी इलेक्ट्रॉनिक्स में स्टोर का सेल्स मैनेजर 3 जुलाई को ग्राहकों को VAT बिलिंग के जरिए सस्ते माल की पेशकश करते दिखा. इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर ने सेल्स मैनेजर से पूछा कि ये टीवी सेट GST के साथ बेचोगे या उसके बिना. इस पर सेल्स मैनेजर का जवाब था- बिना GST के. सेल्स मैनेजर ने तब एक और LED सेट दिखाते हुए उस पर 30 फीसदी छूट की पेशकश की.
मैनेजर ने समझाने के लहजे में कहा कि VAT में आपको सिर्फ 12.5 फीसदी चार्ज होगा जबकि नए GST में आपको 18 फीसदी देना होगा.
मुंबई के ही कार्तिक इलेक्ट्रॉनिक्स में भी दृश्य कुछ अलग नहीं दिखा. स्टोर में एक सेल्स वर्कर ने सबसे बेहतर कीमत देने का वादा किया. जब रिपोर्टर ने पूछा कि GST के साथ या बिना उसके? सेल्स वर्कर का जवाब मिला- बिना GST के. बिल आज का नहीं देकर पुरानी तारीख का दिया जाएगा.
टैक्स अधिकारियों को ऐसे हथकंडों से निपटने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी. मुंबई जोन के GST कमिशनर सुभाष वार्ष्णेय को जब इंडिया टुडे ने GST को पलीता लगाने के लिए अपनाए जा रहे इन हथकंडों के बारे में बताया तो उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया.
वार्ष्णेय ने कहा, 'जो व्यापारी पिछली तारीख के कच्चे बिलों पर माल बेच रहे हैं, वो टैक्स चोरी कर रहे हैं और गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं. जहां भी ऐसा हो रहा है, वहां हम अपने अधिकारियों को जांच के लिए भेजेंगे.' वार्ष्णेय ने उपभोक्ताओं से अपील में कहा कि ऐसे व्यापारियों के झांसे में ना फंसे क्योंकि बाद में ये सब ट्रैक किया जाएगा.
लेकिन वो कहते हैं ना कि पुरानी आदतें आसानी से नहीं जातीं. इंडिया टुडे की जांच से सामने आया कि टैक्स अधिकारियों की ओर से कड़ी चेतावनी के बावजूद कच्चे बिल GST के प्रभावी अमल के रास्ते में बाधा बने हुए हैं.
इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोटर्स ने मुंबई के भारती ज्वैलर्स का रुख किया तो वहां टैक्स बचाने के लिए धड़ल्ले से ग्राहकों को फर्जी बिल दिए जाते दिखाई दिए.
स्टोर का मालिक खुद ही ग्राहकों को सलाह दे रहा था- 'पक्का (औपचारिक) बिल मत लीजिए. कैश में भुगतान कीजिए और GST का 3 फीसदी बचाइए. कच्चे बिल में आपका नाम, क्या खरीदा है, वजन, मैं सब लिख कर दूंगा.'
खुशदीप सहगल