सीबीआई जांच की मांग लेकर धरने पर बैठा पत्रकार जगेंद्र का परिवार

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह को उनके घर में घुसकर उन्हें जिंदा जलाए जाने के मामले में रविवार को पत्रकार जगेंद्र का पूरा परिवार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया. परिवार के सदस्यों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गे और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मिथिलेश कुमार उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.

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पत्रकार जगेंद्र सिंह और मंत्री राममूर्ति सिंह (फाइल फोटो) पत्रकार जगेंद्र सिंह और मंत्री राममूर्ति सिंह (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • शाहजहांपुर,
  • 14 जून 2015,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह को घर में घुसकर जिंदा जलाए जाने के मामले में रविवार को पत्रकार का पूरा परिवार सीबीआई जांच की मांग लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया. परिवार के सदस्यों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गे और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मिथिलेश कुमार उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.

जगेंद्र ने फेसबुक पर मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ टिप्पणी लिखी थी. परिवार का आरोप है कि उनसे इसी का बदला लिया गया. जगेंद्र के छोटे बेटे राहुल ने कहा कि नेताओं की ओर से 10 लाख रुपये की पेशकश भी की गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि नेताओं ने उन्हें धमकाया भी है. मृत पत्रकार की पत्नी और बच्चों ने मंत्री राममूर्ति वर्मा को बर्खास्त करने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.

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'पुलिस चाहती तो थाने में जला देती'
गौरतलब है कि शनिवार को मृत पत्रकार जगेंद्र के परिवार को सांत्वना देने सपा नेता मिथिलेश कुमार पहुंचे थे. सपा नेता ने संवेदना व्यक्त करने के साथ आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा का बचाव भी करना शुरू कर दिया था. सपा नेता ने कहा कि मंत्री ऐसा काम नहीं कर सकते. अगर पुलिस चाहती, तो जगेंद्र को उनके घर की जगह पुलिस स्टेशन में ही जला सकती थी.

सपा नेता का बयान सुनकर नाराज हुए स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया था. लोगों के आक्रोश को देखते हुए नेता वहां से तुरंत खिसक गए थे.

मंत्री को गिरफ्तार नहीं करवा सकते...
जगेंद्र के बेटे राहुल ने कहा कि सपा नेता मिथिलेश कुमार उनके घर आए थे. उन्होंने परिवार वालों को धमकाने की कोशिश की. सपा नेता ने उनसे कहा, ‘केस फाइल कर तुम मंत्री को गिरफ्तार नहीं करवा सकते , क्योंकि उन्हें तभी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब पुलिस जांच में उन्हें दोषी पाया जाएगा. पुलिस किससे अधीन है, तुम जान ही रहे हो’.

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