आइशी घोष ने कहा कि एक माह से ज्यादा का समय हो गया है. वीसी ने इस मामले में हमारे साथ कोई बातचीत नहीं की है. एमएचआरडी की ओर से बनाई गई हाईपॉवर कमेटी के सदस्यों पर भी सवाल उठता है. जेएनयू छात्र फिर से नई आईएचसी मीटिंग की मांग कर रहे हैं. कैंपस का माहौल सामान्य नहीं हो पा रहा है. यहां कैंपस में पढ़ाई लिखाई का माहौल पूरी तरह से अव्यवस्थित है. कुलपति की ओर से इसके लिए कोई कोशिश नहीं की जा रही है.
अब MHRD तक मार्च करेंगे जेएनयू छात्र
आइशी घोष ने कहा कि कल यानी शुक्रवार को हम सभी एमएचआरडी तक मार्च करेंगे. ऐसा पता चला है कि एमएचआरडी ने जो हाईपॉवर्ड कमेटी बनाई थी, उसने अपनी सिफारिशें एमएचआरडी को सौंप दी हैं. सूत्रों का कहना है कि कमेटी ने अपनी सिफारिश में फीसवृद्धि का प्रस्ताव पूरी तरह वापस लेने की बात कही है.
बता दें कि 27 नवंबर को प्रशासन ने सर्विस और यूटिलिटी फीस में और भी कमी करने का निर्णय लिया था. एक्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की ओर से 13 नवंबर, 2019 को हॉस्टल मैनुअल और हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस की मंजूरी के बाद जेएनयू प्रशासन ने इस पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी (एचएलसी) का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी गई.
ऐसा दूसरी बार है, जब प्रशासन ने फीस वृद्धि के बाद छात्रों को राहत देने का फैसला किया है. हालांकि पिछले बार दी गई राहत से विपरीत इस बार प्रशासन ने सामान्य श्रेणी के छात्रों को भी राहत दी है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि छात्रों को सर्विस और यूटिलिटी शुल्क में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी, वहीं बीपीएल श्रेणी के छात्रों को 75 प्रतिशत छूट मिलेगी.
इसके अलावा एचएलसी कमेटी ने बीपीएल श्रेणी के छात्रों को अतिरिक्त लाभ देते हुए उन्हें 75 प्रतिशत छूट दी. कमेटी ने पात्र बीपीएल छात्रों के लिए सर्विस और यूटिलिटी शुल्क में 75 प्रतिशत छूट दी, उन्हें अब 2000 की जगह मात्र 500 रुपये शुल्क देने होंगे. नई शुल्क दरें जनवरी 2020 से लागू होंगी.
नयनिका सिंघल