जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच के लिए कुल 3 टीमें बनाई गई हैं. सबकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है. एक टीम सभी सीसीटीवी की जांच में जुटी है. यह टीम जेएनयू कैंपस में मौजूद है. टीम के लोग कैंपस के सभी गेट के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जमा कर रहे हैं. साथ ही सारे वायरल वीडियो की भी जांच की जा रही है.
दूसरी टीम आरोपियों की पहचान करने और और उन्हें पकड़ने में जुटी है. तीसरी टीम सभी लोगों के बयान दर्ज करेगी. इसमें सुरक्षा कर्मी, पीड़ित छात्र और स्टाफ, प्रोफेसर भी शामिल हैं. टीम ये भी पता लगा रही है कि क्या किसी ने लोगों को जुटने के लिए मैसेज किया था. इसके लिए कई व्हाट्सएप ग्रुप की जांच की जा रही है.
रविवार को छात्रों और शिक्षकों पर नकाबपोश बदमाशों की ओर से किए गए हमले को लेकर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक मामला दर्ज किया है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ आगजनी और हमला करने का एक मामला दर्ज किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा अज्ञात हमलावरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है. यह मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है.
अधिकारी ने कहा, हमने भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया है. मामला पुलिस अधिकारियों की एक शिकायत पर दर्ज किया गया है. पुलिस को वामपंथी और एबीवीपी छात्रों से भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं. अधिकारी ने कहा, "हम इन छात्रों की ओर से दी गई जानकारियों की पुष्टि कर रहे हैं.
पुलिस ने रविवार रात यूनिवर्सिटी में घुसने की कोशिश कर रहे चार बाहरी लोगों को जेएनयू के नॉर्थ गेट पर हिरासत में ले लिया. रविवार को नकाबपोश लोगों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया था. हिंसा में छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत गंभीर रूप से घायल कम से कम 30 छात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं.(इनपुट/आईएएनएस)
हिमांशु मिश्रा