स्टूडेंट्स को मनाने के लिए JNU VC ने लिखा खत, साथ में गिनाईं ग‍लतियां

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के कुलपति ने माना है कि 11 नवंबर को दीक्षांत समारोह के दिन हुए प्रोटेस्ट के बाद से कैंपस में पढ़ाई-लिखाई और रीसर्च का माहौल ठप है. जेएनयू कुलपति प्रो जगदीश कुमार ने अपने सहकर्मियों को खत लिखकर एकेडमिक माहौल बनाने और प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों को समझाने को कहा है.

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11 नवंबर को जेएनयू में प्रदर्शन की तस्वीर 11 नवंबर को जेएनयू में प्रदर्शन की तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के कुलपति ने माना है कि 11 नवंबर को दीक्षांत समारोह के दिन हुए प्रोटेस्ट के बाद से कैंपस में पढ़ाई-लिखाई और रीसर्च का माहौल ठप है. जेएनयू कुलपति प्रो जगदीश कुमार ने अपने सहकर्मियों को खत लिखकर एकेडमिक माहौल बनाने और प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों को समझाने को कहा है.

पत्र में लिखा है कि जेएनयू में शांतिपूर्ण एकेडमिक वातावरण बनाने के उद्देश्य से मैं ये पत्र लिख रहा हूं. छात्रों का एक गुट लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है, इससे कैंपस के एकेडमिक और रिसर्च एक्‍टिविटी माहौल पर बुरा असर पड़ रहा है. हम सभी को जहां तक हो सके अपने व्यक्तिगत स्तर पर माहौल सामान्य करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

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यहां पढ़ें ये पूरा खत:

उन्होंने ये भी कहा कि हालिया ईसी बैठक में आईएचए मैनुअल को बात स्पष्ट करने के बावजूद यहां कन्फ्यूजन का माहौल बनाया जा रहा है. फीस में बदलाव को लेकर गलत जानकारी देकर महौल बनाया तैयार किया गया है. ईसी बैठक में फीस में छूट देने के बावजूद छात्र स्ट्राइक करके ये दबाव बना रहे हैं कि नया हॉस्टल मैनुअल पूरी तरह वापस ले लिया जाए. बीते दिनों कुछ छात्र प्रदर्शन के दौरान हिंसक तक हो गए थे. उन्होंने कई जेएनयू टीचर्स और अधिकारियों के साथ धक्कामुक्की भी की. यहां त‍क कि लेडी गार्ड भी इससे नहीं बच सकीं.

इस प्रोटेस्ट के दौरान जिस तरह प्रशासनकिन भवन की दीवारों और फर्श को खराब किया गया, सुरक्षाकर्मियों से जिस तरह से अभद्रता हुई, इससे जेएनयू की छवि को गंभीर क्षति पहुंची है. प्रोटेस्ट करने का ये तरीका कतई माफी के काबिल नहीं है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने बार बार कानून तोड़ा है, यही नहीं कोर्ट ऑर्डर भी नहीं माने हैं. प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों के घरों का घेराव किया, उन्हें और घर में मौजूद उनके बच्चों को भी मानसिक रूप से परेशान किया. एक शिक्षिका को 30 घंटे तक परेशान किया, उसके साथ मारपीट की धक्का दिया और उसे तब तक परेशान किया जब तक वो फर्श पर गिर नहीं पड़ी.

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कुलपति ने 11 नवंबर को हुए प्रदर्शन का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि उस दिन प्रदर्शन में लाखों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है. दीक्षांत समारोह के दिन जिस तरह उप राष्ट्रपति और मानव संसाधन विकास मंत्री को भी छह घंटे तक कैंपस में फंसे रहना पड़ा. कुलपति ने टीचर्स से कहा है कि कैंपस में डायलॉग को खास जगह दी जाती है. शिक्षक अपने स्तर पर छात्रों को समझाएं और कैंपस में पढ़ाई का माहौल बनाएं.

छात्रसंघ का विरोध जारी, आयोजित होगा ये कार्यक्रम

जेएनयू छात्रसंघ 15 नवंबर की शाम को माय सॉरो, माय पेन, माय हैप्पीनेस, माय सक्सेस, माय लाइव, माय जेएनयू नाम से प्रोग्राम आयोजित कर रहा है. इस कार्यक्रम में जेएनयू के विभिन्न विभागों के छात्र आकर अपने अनुभव बांटेंगे.

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