दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू के छात्रों के प्रदर्शन को एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में रोकने के लिए लगाई गई याचिका पर छात्रों को निर्देश दिया है कि वाइस चासंलर या फिर बाकी के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को ब्लॉक में जाने से नहीं रोकेंगे.
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में अपने अंतरिम आदेश को ही 9 मार्च तक के लिए बरकरार रखा है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जेएनयू की याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ कर दिया था कि एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के आसपास न तो छात्र प्रदर्शन कर सकते हैं और ना ही वाइस चासंलर या किसी भी और अधिकारी का रास्ता जेएनयू परिसर में रोक सकते हैं
कोर्ट ने कहा कि युनिवर्सिटी कैंपस में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जेएनयू प्रशासन पुलिस बल की मांग करने के लिए स्वतंत्र है. वहीं छात्रों को एडमिनिस्ट्रिटिव ब्लॉक से दूर साबरमती परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने से नहीं रोका जा सकता है.
पिछले हफ्ते जेएनयू प्रशासन ने छात्रों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करते हुए हाइकोर्ट मे याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि छात्र संघ की अगुवाई में छात्रों ने हाईकोर्ट के 9 अगस्त, 2017 के आदेश की अनदेखी कर एडमिनिस्ट्रिटिव ब्लॉक के पास न सिर्फ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि वाइस चांसलर समेत अन्य अधिकारियों के कामकाज में बाधा पहुंचा रहे हैं.
अगस्त 2017 में हाईकोर्ट ने छात्रों को एडमिनिस्ट्रिटिव ब्लॉक के 100 मीटर दूर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का आदेश दिया था.
पूनम शर्मा