न मोदी का मैजिक, न रघुवर का रुतबा, विपक्ष की तिकड़ी भी सरयू के आगे फेल

रघुवर दास सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय ने अकेले दम पर पीएम की लोकप्रियता, सीएम की कद्दावर शख्सियत और तीन दलों के गठबंधन को मात दी और विजयपथ पर आगे बढ़े. सीएम रघुवर दास को जिताने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खुद जमशेदपुर पहुंचे और उनके समर्थन में रैली की, लेकिन ये सब काम न आए.

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रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व सीट से चुनौती देने वाले सरयू राय (फोटो-पीटीआई) रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व सीट से चुनौती देने वाले सरयू राय (फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • रांची,
  • 23 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST

  • 'सरयू' नहीं पार कर सके CM रघुवर
  • PM का करिश्मा भी नहीं दिला सकी जीत
  • 24 साल बाद घर में मिली मात
रघुवर दास को शिकस्त देने वाले सरयू राय उसूलों की राजनीति के लिए जाने जाते हैं. वे अपनी शर्तों और सिद्धांतों के मुताबिक राजनीति करते हैं. झारखंड में रघुवर दास ब्रांड की सियासत के खिलाफ वे लगातार मुखर रहे. इसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें टिकट नहीं मिला. इसके खिलाफ वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बागी हो गए. जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने कहा था कि सीएम रघुवर दास नहीं, दाग हैं. इस दाग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिटर्जेंट और अमित शाह की लाउंड्री भी नहीं धो सकती है.

सरयू राय पटना साइंस कॉलेज के मेधावी छात्र रहे हैं. वे जेपी आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. नीतीश कुमार के घनिष्ठ मित्र रहे सरयू राय ने चारा घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई है.

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पीएम की आभा, सीएम के वार से अकेले निपटे

रघुवर दास सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय ने अकेले दम पर पीएम की लोकप्रियता, सीएम के कद्दावर शख्सियत और तीन दलों के गठबंधन को मात दी और विजयपथ पर आगे बढ़े. सीएम रघुवर दास को जिताने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खुद जमशेदपुर पहुंचे और उनके समर्थन में रैली की. सरयू राय के सामने बेहद कठिन चुनौती थी. एक ओर तो उन्होंने सीएम को ही चुनौती देने की ठानी, दूसरी ओर जिस सीट से उन्होंने सीएम को चुनौती देने की ठानी वो उनकी अपनी सीट नहीं थी. 2014 में सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़े थे और लगभग 11 हजार वोटों से जीत हासिल की थी.

पढ़ें: झारखंड विधानसभा चुनाव का पल-पल का अपडेट

1995 से जीत रहे थे रघुवर

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इस बार रघुवर दास से बगावत करने के बाद वे जमशेदपुर पूर्व सीट से उतरे और सीएम को मात दी. खास बात ये है कि रघुवर दास 1995 से लगातार इस सीट से जीतते आ रहे थे. इस बार वे छठी बार इस सीट से भाग्य आजमा रहे थे.

कांग्रेस ने भी दिया कद्दावर कैंडिडेट

वीआईपी सीट होने की वजह से जमशेदपुर पूर्व सीट पर कांग्रेस ने भी यहां से वीआईपी कैंडिडेट दिया था. पार्टी ने यहां से XLRI के शिक्षक गौरव वल्लभ को सीएम रघुवर दास के सामने उतारा था. इस लिहाज से सरयू राय के सामने चुनौती कतई आसान नहीं थी. बावजूद इसके अपनी लोकप्रियता और समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज के दम पर उन्होंने जीत हासिल की.  

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