झारखंड के खूंटी के घाघरा इलाके में पुलिस के जवान और पत्थलगड़ी समर्थक आदिवासी एक दूसरे से भिड़ गए. खूंटी से मिल रही जानकारी के मुताबिक मंगलवार को घाघरा के कुछ गांवों में पत्थलगड़ी करने के लिए बड़ी संख्या में आदिवासी जुटे थे. पुलिस ने जब इसे रोकने का प्रयास किया, तो पत्थलगड़ी समर्थक पुलिस से भिड़ गए.
इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर जमकर लाठी-भांजी, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस घटना से गुस्साए लोगों ने खूंटी से बीजेपी के सांसद कड़िया मुंडा के घर को घेर लिया और घर की सुरक्षा में तैनात तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को अगवा करके उनसे उनके हथियार लूट लिए.
एक सुरक्षाकर्मी किसी तरह भीड़ के चंगुल ने निकल भागा. पुलिसिया कार्रवाई से नाराज आदिवासियों ने ग्रामसभा की बैठक के दौरान वोटर कार्ड, आधार कार्ड और अन्य प्रमाण पत्रों को आग के हवाले कर दिया. बताया जा रहा है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने ग्रामसभा की बैठक बुलाकर बंधकों को अपने साथ बैठा रखा है. उनकी मांग है कि सरकार यहां आए, जिसके बाद ही सिक्योरिटी गार्ड्स छोड़े जाएंगे.
मामले में आदिवासी ग्राम सभा के नेता युसूफ पूर्ति का कहना है कि जिला प्रशासन ने आदिवासियों के साथ नक्सलियों जैसा बर्ताव किया है.
यह भी बताते चलें कि चार दिन पहले इस इलाके में एक NGO की पांच महिला कार्यकर्ताओं के अपहरण करने और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला भी सामने आया था. पुलिस के मुताबिक इलाके के पत्थलगड़ी समर्थकों ने जंगल में गैंगरेप को अंजाम दिया. पुलिस अभी इस मामले में आगे जांच कर रही है.
आखिर क्या है पत्थलगड़ी?
पत्थलगड़ी आदिवासियों की एक प्राचीन परंपरा है. इसमें पत्थर गाड़ कर इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है. ये मुंडा आदिवासियों की वर्षों पुरानी प्रथा है, जिसके जरिए वो अपने पूर्वजों को याद करते हैं.
राम कृष्ण / धरमबीर सिन्हा