NEET पर जयललिता ने सरकार से किया अनुरोध

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह आवश्यक कदम उठाए, ताकि राज्य में मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मौजूदा व्यवस्था जारी रह सके.

Advertisement
Tamil Nadu chief minister J Jayalalithaa Tamil Nadu chief minister J Jayalalithaa

IANS

  • नई दिल्‍ली,
  • 25 मई 2016,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह आवश्यक कदम उठाए, ताकि राज्य में मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मौजूदा व्यवस्था जारी रह सके.

जयललिता ने इस आशय का एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को लिखा, जिसकी प्रति बुधवार को मीडिया को जारी की गई. उन्होंने एकेडमिक सेशन 2016-17 के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) से छूट देने के लिए अध्यादेश जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

Advertisement

जयललिता ने कहा कि अध्यादेश चालू वर्ष के लिए मुद्दे का अस्थाई हल होगा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'जैसा कि मैंने अपने पहले के पत्रों में आपको बताया है, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए सन् 2005 से तमिलनाडु सरकार ने कई कदम उठाए हैं और सतर्कता से विचार करने के बाद तमिलनाडु व्यावसायिक शिक्षण संस्थान प्रवेश अधिनियम, 2016 बनाकर बाद में स्नातक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षाओं को समाप्त कर दिया.

जयललिता ने कहा कि राज्य सरकार ने ये कदम कमजोर वर्गो और ग्रामीण इलाकों के स्‍टूडेंट्स के हितों की हिफाजत के लिए उठाए हैं, ताकि उन्हें भी समाज की मुख्य धारा में आने का मौका मिल सके.

उन्होंने कहा कि इस तरह की समान प्रवेश परीक्षाओं में ग्रामीण और कमजोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के स्‍टूडेंट्स शहरी आर्थिक तौर पर मजबूत स्‍टूडेंट से प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ होंगे. इन परीक्षाओं की रूपरेखा शहरी स्‍टूडेंट के पक्ष में बनाई गई है.

Advertisement

जयललिता ने कहा, 'तमिलनाडु सरकार ग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश के क्रम में पहाड़ी और जनजातीय इलाकों में सेवाएं देने वालों को खास तवज्जो के साथ ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले स्‍टूडेंट को अहमियत देती है.

जयललिता ने कहा कि नीट लागू होने से इस नीति के क्रियान्वयन और राज्य के सामाजिक-आर्थिक उद्देश्य निर्थक हो जाएंगे, क्योंकि राष्ट्रीय परीक्षा के नियमों में इस तरह के प्रावधान नहीं भी हो सकते हैं. जयललिता के अनुसार, राष्ट्रीय परीक्षा का तमिलनाडु की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिवेश और प्रशासनिक जरूरतों से कोई मेल नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement