जेडीयू ने बदला नारा- क्यूं करें विचार जब है ही नीतीश कुमार

बिहार में एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां धीरे-धीरे तेज हो रही हैं. सियासी दल रोज कुछ न कुछ ऐसा कर रहे हैं ताकि वे सुर्खियों में बने रह सकें.

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जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय लगा नया पोस्टर (फोटो-आजतक) जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय लगा नया पोस्टर (फोटो-आजतक)

सुजीत झा

  • बिहार,
  • 08 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

  • पिछले दिनों जेडीयू और आरजेडी में छिड़ गया था पोस्टर वॉर
  • जेडीयू ने नारा बदला है पर अभी आरजेडी की प्रतिक्रिया नहीं आई है

बिहार में एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां धीरे-धीरे तेज हो रही हैं. सियासी दल रोज कुछ न कुछ ऐसा कर रहे हैं ताकि वे सुर्खियों में बने रह सकें. पिछले दिनों जनता दल (यू) ने एक पोस्टर जारी किया था, जिसके जवाब में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी पोस्टर जारी किया था. इस तरह बिहार के इन दोनों राजनीतिक दलों के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गया.

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बहरहाल, जेडीयू ने अपना नारा बदल दिया है. पटना स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक नया नारा दिख रहा है जो पिछले नारे से थोड़ा सा अलग है. हालांकि ये नारा अभी तक प्रदेश कार्यालय के सामने नहीं लगा है. लेकिन पार्टी कार्यालय के एक किनारे पर यह पोस्टर दिख रहा है.

पिछले हफ्ते जेडीयू ने 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना नया नारा लगाया है. हालांकि वो नारा कार्यालय सामने अभी भी लगा हुआ है, जिसमें लिखा था कि, 'क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार'. लेकिन अब उसके पीछे एक और नया नारा लिख दिया गया है जो उसी से मिलता जुलता है लेकिन अर्थ में अंतर है. नया नारा है, 'क्यूं करें विचार जब है ही नीतीश कुमार.'

बिहार में राजनीति की कव्वाली तो चलती ही रहती है. हो सकता है कि इसका भी जवाब आरजेडी की तरफ से मिले. इससे पहले जब जेडीयू ने नया नारा दिया था कि क्यूं करें विचार ठीके तो है नीतीश कुमार. इस नारे के बाद बिहार में पोस्टर वॉर छिड़ गया था. आरजेडी ने उसके जवाब में लिखा कि क्यूं न करें विचार, बिहार है बीमार यानी नीतीश कुमार के राज में बिहार बीमार हो गया है तो विचार तो करेंगे ही.

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वहीं जेडीयू की सहयोगी पार्टी बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने भी इस नारे से असहमति जताते हुए कहा था कि जेडीयू का यह नारा ठीक नहीं लगा. उनका कहना है नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन ठीक तो है नीतीश कुमार गढ़ने का कोई तुक नहीं है. सीपी ठाकुर का कहना है कि इस तरह का नारा देना-हार को हरिनाम हो गया. जब वो अच्छा काम कर रहे हैं ऐसा नारा देने का कोई मतलब नही है.

फिलहाल, लगता है कि जेडीयू का यह नारा पार्टी के सुप्रीमो को भी बहुत पसंद नहीं आया, इसलिए एक नया नारा गढ़ा गया है कि क्यूं करें विचार जब है ही नीतीश कुमार, इस नारे से जेडीयू साफ कर देना चाहती है कि अब कोई विकल्प नहीं है.

बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जब जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा था, तब नारा था कि बिहार में बहार है, नीतीश कुमार है. यह नारा राजनीति रणनीतिकार प्रशांत कुमार की कंपनी ने दिया था, जो काफी लोकप्रिय भी हुआ था. अब भी प्रशांत किशोर जेडीयू का हिस्सा हैं, लेकिन नारा कोई और दे रहा है.

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