जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को गुरुवार को सरकारी बंगले में शिफ्ट किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें श्रीनगर के गुपकर रोड स्थित एम-4 सरकारी बंगले में शिफ्ट किया जाएगा. फिलहाल वह नजरबंद ही रहेंगे. हालांकि पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की जगह में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वह फिलहाल ट्रांसपोर्ट लेन स्थित एक सरकारी आवास में रह रहीं हैं.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव राम माधव ने आजतक से खास बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए ज्यादातर नेताओं को इस महीने के आखिरी तक रिहा कर दिया जाएगा.
राम माधव ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत 29 नेता अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद किया गया है. मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था.
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में मौलाना आजाद रोड से सटे दो सरकारी क्वार्टर में रखा गया था, जबकि फारूक अब्दुल्ला उच्च सुरक्षा के साथ गुप्कर रोड स्थित आवास पर नजरबंद थे.
कश्मीर में बनी हुई है शांति
हाल ही में बीजेपी महासचिव राम माधव ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने का स्वागत किया है. मैंने श्रीनगर और जम्मू में कई प्रतिनिधियों, युवाओं और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की है.
सभी को अब केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से पूरे केंद्रशासित प्रदेश में शांति बनी हुई है.
कमलजीत संधू