जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी देश के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में से एक है. यहां आर्ट्स से लेकर साइंस तक की पढ़ाई होती है. इस समय यूनिवर्सिटी में एडमिशन का मौसम चल रहा है. एडमिशन और कोर्सेज से संबंधित कई जानकारियां यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तलत अहमद ने एक इंटरव्यू में दिया है. पढ़े उनसे हुई पूरी बातचीत को...
सवाल: क्या कुछ नया हो रहा है इस बार एडमिशन को लेकर जामिया में?
जवाब: जामिया में टोटल ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जा रही इस बार एडमिशन के लिहाज से. बिलकुल ई-प्रक्रिया अपना रहा है जामिया. फॉर्म ऑनलाइन जमा हुए. हमने बहुत से सेंटर दिल्ली से बाहर खोले ताकि ज्यादा लोगों को मौका मिले दाखिले का. वहीं के वहीं एग्जाम दिए उन्होंने. हम लोगों ने गर्मी की छुट्टी में रिजर्वेशन की दिक्कत को ध्यान में रखते हुए कहा है की फीस भी ऑनलाइन जमा हो सके. एडमिशन पूरी तरह ऑनलाइन ताकि वेटिंग लिस्ट भी सही से बन सके. डिस्टेंस की वजह से किसी को दिक्कत नहीं होना चाहिए.
सवाल: कौन-कौन से नए कोर्सेज शुरू हुए हैं इस बार जामिया में?
जवाब: इस बार 9 नए कोर्सेज स्टार्ट हुए हैं जामिया में. अरब कल्चर में मास्टर्स स्टार्ट कर रहे हैं. एम टेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर शुरू किया है. इस बार संस्कृत का अलग विभाग जामिया में खुल रहा है. बहुत जल्द यहां उसकी पढाई शुरू होगी. इसके लिए एक बोर्ड भी बनाया गया है. जामिया में कुछ नए तरीके से एप्लाइड फॉर्म में संस्कृत को पढ़ाया जाएगा. जामिया में क्लाइमेट चेंज एंड डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट खोल गया है. अभी तक इसमें दो प्रोफेसर रखे गए हैं. हम हिमालय से करीब हैं इसलिए इसको समझना ज्यादा से ज्यादा जरूरी है.
सवाल: जामिया में कुछ कौशल केंद्र खुले हैं?
जवाब: दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के तहत जामिया लीड कर रही है. 4 कोर्सेज जामिया को मिले हैं. पंडित मदन मोहन मालवीय स्कीम के तहत एजुकेशन डिपार्टमेंट को नए कोर्सेज मिले हैं. अल्पसंख्यक मंत्रालय की नयी तालीम स्कीम के तहत मदरसों के 100 बच्चों को लेकर हम एग्जाम दिलाते हैं. उनकी मदद करते हैं. जो सामाजिक तौर पर निचले तबके के हैं. जो मुख्यधारा में नहीं आ पाते.
सवाल: जामिया एक अल्पसंख्यक संस्थान है तो क्या इस वजह से सरकार कोई भेदबाव तो नहीं कर रही?
जवाब: केंद्र सरकार जामिया को लेकर कोई भेदभाव नहीं करती. जामिया को दूसरी यूनिवर्सिटीज के मुकाबले ज्यादा बजट मिलता है. यूनिवर्सिटी में काफी तरक्की हो रही है बल्कि हमलोगों को फ्रंट सीट में बैठा कर ड्राइव करने का मौका मिल रहा है.
स्नेहा