भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर की करतूतों की ये है कहानी

Masood azhar dead जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के मौत की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस खूंखार आतंकी की पाकिस्तानी आर्मी के इस्लामाबाद हॉस्पिटल में मौत हो गई है. हालांकि पाकिस्तान ने उसके मौत की खबर का खंडन किया है.

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मसूद अजहर(फाइल फोटो) मसूद अजहर(फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर की मौत की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस खूंखार आतंकी की पाकिस्तानी आर्मी के इस्लामाबाद हॉस्पिटल में मौत हो गई है. हालांकि पाकिस्तान ने उसकी मौत की खबर का खंडन किया है. मसूद अजहर के मरने की भले ही खबर चल रही हो लेकिन ये बात तो पक्की है कि वह अस्पताल में भर्ती है और जिंदगी की भीख मांग रहा है.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में कहा था कि मसूद अजहर बेहद बीमार है, वह बीमारी से तड़प रहा है, उसकी ये हालत है कि वह अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता है.

पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाला ये आतंकवादी अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले चुका है. हाल ही में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले को मसूद अजहर के संगठन ने ही अंजाम दिया था. सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत के कुछ घंटे बाद ही इसने हमले की जिम्मेदारी ली थी.

2000 में किया जैश-ए-मोहम्मद का गठन

मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) नाम के एक आतंकी संगठन का गठन किया. मसूद पहले इसे हरकत-उल-मुजाहिदीन के बैनर के तहत चलता था जो अल-कायदा से जुड़ा हुआ था.

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अजहर ने जैश की स्थापना साल 1999 में रिहा होने के बाद की थी. साल 1999 में कंधार विमान अपहरण कर आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ा लिया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उसे रिहा किया था.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार उसने तत्कालीन अल-कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन और अफगान तालिबान के समर्थन से जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया था. मसूद अजहर को 1994 में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था. फिर उसे छुड़ाने के लिए 1995 में उसके साथियों ने कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया था. हालांकि इनमें से एक भागने में कामयाब हो गया था.

संसद पर हमले का गुनहगार

1999 में छुटने के बाद 2001 में मसूद अजहर ने भारतीय संसद पर हमला किया. इस हमले में दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. इसी साल उसने जम्मू कश्मीर विधानसभा पर भी हमला किया.

मसूद यहीं नहीं ठहरा. माना जाता है कि 2008 मुंबई आतंकी हमले में भी उसकी अहम भूमिका थी. 2016 के पठानकोट आतंकी हमले में भी उसकी भूमिका  मानी जाती है.

चीन खड़ा करता है अड़ंगा

भारतीय सेना, सुरक्षा एजेंसियों ने अजहर और उसके भाई को इस वारदात के लिए दोषी माना था. भारत ने इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी करतूतों को बेनकाब किया. उसके बाद इंटरपोल ने उसके खिलाफ दूसरी बार रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया.

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भारत चाहता है कि उसको अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाए. लेकिन चीन इसपर अंड़गा डालता है. जैश-ए-मोहम्मद को भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे कई देश आतंकी ग्रुप घोषित कर रखा है.

भारत उसके खिलाफ सबूत दे चुका है, लेकिन पाकिस्तान कोई भी कार्रवाई नहीं करता है. भारत ने पुलवामा हमले में भी उसका हाथ होने का पाकिस्तान को सबूत दिया है. लेकिन पाकिस्तान उसपर कार्रवाई करता है या नहीं ये समय बताएगा.

2008 मुंबई आतंकी हमले के बाद भी आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान ने उसे गिरफ्तार करने से मना कर दिया. उसने यहां तक कहा कि उसे नहीं पता कि अजहर कहां रहता है. 

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