जादवपुर यूनिवर्सिटी: छात्रों की जीत, पुराने पैटर्न से होगा दाखिला

जाधवपुर विश्वविद्यालय में पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की मांगें मान ली गई है. बता दें कि छात्र विश्वविद्यालय के उस फैसले का विरोध कर रहे थे, जिसमें अकेडमिक सेशन की 6 आर्ट्स कोर्सेज के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला किया गया था.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मोहित पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

जाधवपुर विश्वविद्यालय में पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की मांगें मान ली गई है. बता दें कि छात्र विश्वविद्यालय के उस फैसले का विरोध कर रहे थे, जिसमें अकेडमिक सेशन की 6 आर्ट्स कोर्सेज के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला किया गया था. विश्वविद्यालय के अनुसार अब दाखिला 50 फीसदी बोर्ड के अंकों और 50 फीसदी प्रवेश प्रकिया के अंकों पर आधारित होगा. छात्रों की मांग थी कि परीक्षा का आयोजन पहले की तरह ही करवाया जाए.

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अब विश्वविद्यालय ने पुराना पैटर्न लागू करने का फैसला किया है. इससे पहले मंगलवार को भूख हड़ताल पर बैठे 20 विद्यार्थियों में से 5 छात्रों को तबियत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हालांकि अभी छात्रों की ओर से हड़ताल खत्म करने को लेकर घोषणा नहीं की गई है.

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छात्रों का आरोप है कि टीएमसी सरकार के दबाव के चलते यह फैसला लिया गया है. बता दें कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने आर्ट्स के तहत आने वाले 6 विषयों के लिए प्रवेश परीक्षाएं खत्म करने का फैसला किया और यह ऐलान किया था कि वह अंग्रेजी, तुलनात्मक साहित्य, बंगाली, इतिहास, राजनीति विज्ञान और फिलोसोफी में अंकों के आधार पर ही दाखिला लेगी.

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वहीं छात्रों के बढ़ते विरोध के चलते और जेयू की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए जेयू के वाइस चांसलर सुरंजन दास ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने उन्हें सलाह दी कि वे किसी भी स्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें.

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