कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में पिछले हफ्ते हुए बवाल का मामला गरमाता जा रहा है. इसके विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का एक विशाल जमावड़ा यूनिवर्सिटी के पास पहुंच गया है. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने यूनिवर्सिटी के पास जोधपुर पार्क क्षेत्र में बैरिकेड्स लगा दिए हैं, जहां एबीवीपी कार्यकर्ता कैंपस के अंदर बैरिकेड्स तोड़कर मार्च करते देखे गए. मार्च के दौरान पत्थरबाजी की भी बात सामने आई है.
वहीं, एबीवीपी कार्यकर्ताओं को कैंपस में घुसने से रोकने के लिए यूनिवर्सिटी के छात्र और टीचर गेट पर मौजूद हैं. पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को यूनिवर्सिटी परिसर से पहले ही रोक दिया है. इस दौरान कोलकाता पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर शांति बनाए रखने की बात कही. दोपहर करीब 3.40 बजे एबीवीपी के कार्यकर्ता गरियाहाट इलाके से मार्च शुरू किया. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री बाबूबल सुप्रियो पर हुए हमले का विरोध किया.
बता दें कि पिछले हफ्ते बाबुल सुप्रियो यूनिवर्सिटी में भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे. जहां वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने उन्हें घेर लिया था और उनके खिलाफ नारेबाजी की थी. इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया था. इस मुद्दे पर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार चल रही है.
इधर, राज्य की मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन महत्वपूर्ण हैं और जिस दिन विरोध-प्रदर्शन अपना मूल्य खो देंगे, उस दिन भारत, भारत नहीं रह जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तंज कसते हुए कहा कि बंगाल में अभी भी लोकतंत्र है, जबकि कुछ जगहों पर लोकतंत्र नहीं है. हम सभी ने देखा है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में क्या हुआ था.
इससे पहले कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर हमला करने वाला स्टूडेंट मीडिया के सामने आया. लेफ्ट संगठन यूएसडीएफ के कार्यकर्ता देबंजन बल्लव ने सामने आकर कहा कि यह फासीवाद के खिलाफ प्रतिरोध था. अगर बाबुल सुप्रियो दोबारा आते हैं तो वह ऐसी घटना को फिर से अंजाम देंगे.
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