आईएस एक जीता-जागता खतरा, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती: थलसेना

भारतीय थलसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट एक जीता-जागता खतरा है, घाटी में जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

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पंकज श्रीवास्तव

  • श्रीनगर,
  • 28 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

भारतीय थलसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट एक जीता-जागता खतरा है, घाटी में जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. थलसेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आईएस एक जीता-जागता खतरा है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. यह चिंता का विषय है और हम इस पर नजर रख रहे हैं.’

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कश्मीर में थलसेना की अगुवाई करने वाले कोर कमांडर से पूछा गया था कि क्या इस बात की आशंका है कि इस्लामिक स्टेट घाटी में अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों से गठजोड़ कर ले. लेफ्टिनेंट जनरल दुआ ने कहा, ‘सभी सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां इसकी निगरानी कर रही हैं. मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं.’

 

नियंत्रण रेखा के पास तंगधार में एक थलसेना शिविर पर हाल ही में हुए हमले पर दुआ ने कहा कि सबसे नजदीक की थलसेना चौकी या शिविर पर हमला करना आतंकवादियों की रणनीति है क्योंकि वे सुरक्षा बलों की ओर घुसपैठ रोकने की खातिर बनाए गए बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे को भेद नहीं पा रहे.

 

लेफ्टिनेंट जनरल दुआ ने कहा, ‘यह कोई नया चलन नहीं है. आपको पता होगा कि कुछ महीने पहले तंगधार में ही ऐसी ही कोशिश हुई थी और ऐसा ही अभियान चलाया गया था. लिहाजा, वे हमेशा थलसेना की चौकी या शिविर के पास आने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे घुसपैठ नहीं कर पा रहे. इसलिए वे नियंत्रण रेखा के पास सनसनीखेज हमले करने की कोशिश करते हैं.’

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