TMC नेता ने कहा, ‘मुहर्रम पर तलवार-लाठियों के प्रदर्शन से परहेज करें मुस्लिम’

TMC के नेता अनुव्रत मंडल ने मुस्लिमों से कहा कि वे मुहर्रम पर ताजिया निकाले जाते वक्त तलवारों और लाठियों के प्रदर्शन से परहेज करें. बता दें कि अनुव्रत मंडल तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष हैं.   

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

इंद्रजीत कुंडू / देवांग दुबे गौतम / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

मुहर्रम से पहले तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने मुस्लिमों से कहा है कि वे ताजिया निकाले जाते वक्त तलवारों और लाठियों के प्रदर्शन से परहेज करें. पार्टी के दो सांसद इदरीस अली और एएच इमरान बुधवार को कोलकाता में अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं से मिले. दोनों सांसदों ने इस मौके पर मुहर्रम को इस तरह मनाने की अपील की कि किसी दूसरे समुदाय की भावनाएं ‘आहत’ ना हों.  

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ऑल इंडियन माइनॉरिटी फोरम की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इदरीस अली ने कहा, ‘हम अपने मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि वे हर साल की तरह ही मुहर्रम मनाएं लेकिन साथ ही इसकी गंभीरता का भी पूरा ध्यान रखें. ये तलवारों और लाठियों के प्रदर्शन का मौका नहीं है. इस्लाम इसकी इजाज़त नहीं देता.’   

इदरीस अली ने कहा, ‘लोगों को मुहर्रम मनाते वक्त शरीयत का पालन करना चाहिए. एक पार्टी दंगे कराने की कोशिश कर रही है. हम क्यों उन्हें ऐसा अवसर दें?’

इदरीस अली ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक बताया. सांसद ने याद दिलाया कि ‘पिछले साल कैसे ममता बनर्जी ने हिंदू समुदाय से अपील की थी कि दुर्गा पूजा विसर्जन को कुछ देर के लिए स्थगित रखें क्योंकि मुहर्रम भी उसी दिन पड़ रहा था. इस साल मुस्लिम समुदाय को शांति बनाए रख कर उस सकारात्मकता को दोहराना चाहिए.’ 

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सांसद इदरीस अली जैसे ही पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने कहा. ‘मुहर्रम को वैसे ही मनाया जाना चाहिए जैसे कि दुर्गा विसर्जन पर किया जाता है. हमने मुहर्रम को शांति के साथ मनाने की अपील की है और हम सब भी इसमें हिस्सा लेंगे.’

मंडल बोलपुर में टीएमसी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक के बाद बोल रहे थे. इस बैठक में स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और इमामों ने भी हिस्सा लिया.

मंडल ने कहा, ‘उनके धर्म में तलवार या लाठियों का कोई इस्तेमाल नहीं है. ये बहुत मुकद्दस (पवित्र) धर्म है, जो दुनिया को अच्छा संदेश देता है. यहां एक भी मौलवी ने लाठियों के इस्तेमाल (मुहर्रम के दौरान) के बारे में नहीं बोला है.’ मंडल ने कहा, ‘इस्लाम कठिन धर्म है. मैं समझता हूं कि ये हिंदू धर्म से ज्यादा कठिन है. आज मैंने उनसे (इमामों) जो भी सुना वो मुझे अच्छा लगा.’

कोलकाता की नाखोदा मस्जिद के इमाम मौलाना शफीक कासमी ने मुहर्रम पर आक्रामकता के किसी तरह के भी प्रदर्शन को इस्लाम के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा, ‘इसका (तलवार-लाठियों का प्रदर्शन) इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है. शरीयत इसका सख्ती से विरोध करती है. इसकी जगह लोगों को रोजा रख कर, कुरान पढ़ कर त्याग के संदेश को फैलाना चाहिए.’  

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तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल रामनवमी के मौके पर पुलिस को अवैध तरीके से हथियारों के साथ जुलूस निकालने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

बता दें कि 2 जनवरी 2018 को कोलकाता पुलिस ने एक अधिसूचना के जरिए शहर और आसपास एक साल तक हथियारों के किसी भी तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोलकाता पुलिस के मुताबिक ‘सार्वजनिक शांति और सुरक्षा’ के हित में ये कदम उठाया गया.

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