इंडियन रेलवे कोरोना के दौर में लोगों की सुविधाजनक यात्रा के लिए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रहा है. कोरोना संकट के समय में भारतीय रेल (Indian Railways) ने अब तक लगभग 60 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है. भारतीय रेलवे राज्यों की मांग के आधार पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने के लिए जितनी ट्रेनों की आवश्यकता होगी, राज्य की मांग पर 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वह 10 जून तक प्रवासी श्रमिकों की आवश्यकता के मुताबिक ट्रेनों, संबंधित स्टेशनों और रूट की जानकारियां दें. जिससे उसी के अनुरूप अतिरिक्त श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सके. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने भविष्य में जरूरत पड़ने पर अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.
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अब तक 60 लाख लोगों को पहुंचाया घर
भारतीय रेलवे ने अब तक लगभग 60 लाख लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए 4347 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. ये श्रमिक ट्रेनें 1 मई, 2020 से चलाई जा रही हैं. इन ट्रेनों को राज्यों की मांग के आधार पर चलाया जा रहा है.
बता दें कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई, 2020 के अपने आदेश में कहा था कि ऐसे प्रवासी जो अपने घर जाना चाहते हैं उनके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं. भारतीय रेल इस आदेश को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी कदम उठा रहा है. रेलवे ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 10 जून तक श्रमिक विशेष ट्रेनों सें संबंधित आवश्यकताएं बताएं.
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श्रमिकों को घर भेजने के लिए यूपी ने मांगी अधिक श्रमिक ट्रेनें
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अन्य राज्यों से संबंध रखने वाले प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के लिए अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनों की मांग की है. दरअसल, ईंट भट्टों में कार्यरत श्रमिक अब अपने राज्यों में वापस जाना चाहते हैं, जिसमें खास तौर पर बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने मंगलवार को कहा कि राज्य में लगभग 12 हजार ईंट भट्टे क्रियाशील हैं लेकिन मॉनसून के साथ यह बंद हो जाएंगे. इन ईंट भट्टों पर काम करने वाले श्रमिक घर लौटना चाहते हैं.
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