रोजी-रोटी कमाने इराक गए थे कमलजीत, लेकिन...

इराक में अगवा किए गए 40 भारतीयों की जान आफत में है. केंद्र सरकार ने इनके अपहरण किए जाने की तस्दीक कर दी है. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इराक में कंस्ट्रक्शन कंपनी के कामगार अगवा भारतीय सुरक्षित हैं या नहीं.

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इराक में दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं हालात इराक में दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं हालात

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 19 जून 2014,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

इराक में अगवा किए गए 40 भारतीयों की जान आफत में है. केंद्र सरकार ने इनके अपहरण किए जाने की तस्दीक कर दी है. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इराक में कंस्ट्रक्शन कंपनी के कामगार अगवा भारतीय सुरक्षित हैं या नहीं.

अपहरण के पीछे इस्लामिक जेहादी आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है. इराक में चल रहे युद्ध के बीच पंजाब के 40 युवकों को अगवा किए जाने की घटना सामने आई है. पिछले पांच दिनों से पंजाब में इनके परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.

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पंजाब के होशियारपुर में गांव छावनी कलां के प्रेम सिंह और उनकी पत्नी संतोष अपने बेटे कमलजीत की तस्वीर हाथ में लिए उसके विदेश से सही सलामत वापस आने की दुआ कर रहे हैं. दरअसल, इराक में अपहरण कर बंदी बनाए 40 पंजाबी युवकों में से एक कमलजीत प्रेम सिंह का सबसे बड़ा लड़का है, जो रोजी-रोटी कमाने के मक़सद से विदेश गया था. लेकिन कमलजीत भी वहां के बिगड़े हालात का शिकार हो गया. प्रेम सिंह के दूसरे बेटे परविंदर सिंह ने बताया कि पांच दिन पहले ही आखिरी बार फोन पर उससे बात हो पाई थी, जिसमें वह अलकायदा द्वारा उसके साथ 40 और पंजाबी युवकों को बंदी बनाने की बात कह रहा था.

बंदी बनाए गए इन 40 पंजाबी युवकों में कमलजीत का जीजा गुरदीप सिंह भी शामिल है. गुरदीप सिंह भी पैसे कमाने की चाहत में विदेश तो गया था, लेकिन उसके साथ उसके परिवार ने  कभी नहीं सोचा था कि उन्हें गुरदीप को बहार भेजने की कीमत यूं चुकानी पड़ेगी.

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इराक में आतंकियों के कब्जे में फंसे जिले के गांव जैतपुर के गुरदीप सिंह ने चार दिन पहले ही अपनी मां से सिर्फ इतना ही कहा था कि बच्चों का खयाल रखना. इसके बाद मोबाइल फोन बंद हो गया. उसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. मीडिया के साथ बातचीत में मां सुरिंदर कौर ने बताया कि जब से बेटे गुरदीप के ये अल्फाज सुने हैं, दिन का चैन और रातों की नींद उड़ गई है. पत्नी अनीता का भी रो-रोकर बुरा हाल है.

सुरिंदर कौर ने बताया कि नौ माह पहले गुरदीप इराक के मोसुल गया था. वह तहरीक नूर अलहद कंपनी में कार्यरत था. चार दिन से उससे कोई बात नहीं हुई है. सांसत में फंसे परिवार ने केंद्र सरकार से लाड़ले को सकुशल वतन लाने की फरियाद लगाई है. गुरदीप के दो मासूम बच्चे हैं. घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इराक गए गुरदीप को क्या मालूम था कि वहां पर वह और उनका परिवार मुसीबतों के जंजीरों में जकड़ जाएगा. अनहोनी के डर से परिवार सदमे में हैं.

परविंदर सिंह ने बताया कि पांच दिन पहले ही आखिरी बार फोन पर उससे बात हो पाई थी, जिसमें वो अलकायदा द्वारा उसके साथ 40 और पंजाबी युवकों को बंदी की बात कह रहा था.

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पत्नी अनीता का भी रो-रोकर बुरा हाल है. उसने कहा की उसके पति गुरदीप सिंह ने चार दिन पहले ही अपनी मां से सिर्फ इतना ही कहा था कि बच्चों का खयाल रखना. इसके बाद मोबाइल फोन बंद हो गया. उसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया.

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