ईरान ने खींची लक्ष्मण रेखा, परमाणु वार्ता मुश्किल में

ईरान और विश्व शक्तियों के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत मुश्किल में फंस गई है. बुधवार को ईरान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्जीह अफखाम ने ये दावा किया.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

ईरान और विश्व शक्तियों के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत मुश्किल में फंस गई है. बुधवार को ईरान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्जीह अफखाम ने ये दावा किया. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, 'परमाणु वार्ता जितना लंबा खिंचती है, उतनी ही अधिक कठिनाइयां आती जाती हैं और मतभेद पैदा होते जाते हैं.'

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परमाणु वार्ता का सबसे कठिन दौर
ईरान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्जीह अफखाम ने कहा, 'मौजूदा समय में हम परमाणु वार्ता के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं, हालांकि इसकी उम्मीद भी थी.' उन्होंने कहा कि 'सभी वार्ताकारों को अब वार्ता की मेज पर अधिक समय देना होगा, क्योंकि 30 जून की निर्धारित समय सीमा करीब है.'

मर्जीह अफखाम ने कहा कि अगर समझौता हो जाता है, तो इससे ईरान और अन्य देशों के इतिहास में नया अध्याय खुल जाएगा. प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे, जिससे राजनीतिक और आर्थिक संपर्क बेहतर होगा.

अफखाम ने कहा कि परमाणु समझौता कर इस्लामिक गणराज्य विश्व में और क्षेत्र में अपनी हैसियत में वृद्धि करेगा.

'लक्ष्मण रेखा' का पालन करेंगे वार्ताकार
ईरानी प्रवक्ता ने कहा कि देश के वार्ताकार परमाणु समझौते के संबंध में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमैनी द्वारा तय की गई 'लक्ष्मण रेखा' का पालन करेंगे.

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खुमैनी ने मंगलवार को कहा था कि ईरान 'अपरंपरागत निरीक्षण', 'अत्यधिक दबाव', अथवा सैन्य निरीक्षण की अनुमति नहीं देगा.

उन्होंने कहा, परमाणु समझौते के अंतर्गत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर 10 साल की लंबी अवधि के लिए लगाई गई सीमाओं को स्वीकार नहीं करेगा.

- इनपुट IANS

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