ईरान व दुनिया की महाशक्तियों ने ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा पर सहमति जताई

ईरान और दुनिया के कुछ अन्य प्रमुख देश स्विट्जरलैंड में लंबी बातचीत के बाद तेहरान के परमाणु अभियान पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

ईरान और दुनिया के कुछ अन्य प्रमुख देश स्विट्जरलैंड में लंबी बातचीत के बाद तेहरान के परमाणु अभियान पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा पर सहमत हो गए हैं. ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अहम बातचीत

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच 12 साल से चल रहे गतिरोध में इसे बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है. पश्चिमी देशों को आशंका रही है कि ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है.

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यूरोपीय संघ में विदेश नीति प्रमुख फेड्रिका मोघरिनी ने आठ दिन की वार्ता के बाद कहा कि ईरान ने कठिन पाबंदियों को हटाने के बदले परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने पर सहमति जता दी है. समझौते की जिस रूपरेखा पर सहमति बनी, उसे 30 जून तक एक व्यापक समझौते के तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा.

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इसे बड़ा दिन बताया. वहीं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि पूर्ण समझौते का मसौदा तैयार करने की 30 जून की समय-सीमा के मद्देनजर इस काम को तत्काल शुरू किया जाएगा. केरी ने ट्वीट किया कि अंतिम समझौते पर काम करने के लिए जल्दी पहल करेंगे.

फेड्रिका मोघरिनी ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक नए संयंत्र की डिजाइन बदली जाएगी, ताकि हथियारों में इस्तेमाल हो सकने वाले प्लूटोनियम का उत्पादन नहीं हो.

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फेड्रिका मोघरिनी ने कहा कि बदले में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के सत्यापन के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ की परमाणु संबंधित पाबंदियों को हटाया जाएगा.

समझौते का भारत ने किया स्वागत
विवादित परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और दुनिया की 6 शक्तियों के बीच बनी सहमति का भारत ने स्वागत किया है. भारत ने उम्मीद जताई है कि यह आपसी सहमति 30 जून तक एक मुकम्मल समझौते का रूप ले सकेगी. परमाणु मुद्दे पर ईरान व P (5 प्लस 1) समूह के बीच बनी सहमति की घोषणा लौजान में की गई. इस सहमति का स्वागत करते हुए विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'इस समझौते के साथ ही लगता है कि एक ऐसा अहम  कदम उठा लिया गया है, जो कि 30 जून तक किए जाने वाले समझौते के मानकों के अनुरूप है.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'भारत ने हमेशा कहा है कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के ईरान के अधिकार का सम्मान करते हुए, ईरानी परमाणु मुद्दे को, शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी गहरा हित निहित है.'

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