देश की बागडोर असल मायने में अफसरों के हाथों में होती है. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है. जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला कर रहा है, लोगों का उस पर से विश्वास उठता जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी अफसर हैं, जो देश सेवा का जुनून लिए नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं. उनकी दिलेरी के किस्से आज मिसाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं. aajtak.in ऐसे ही जांबाज अफसरों पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में पेश है IPS अफसर रूपा डी मुद्गिल की कहानीः
DGP पर लगाए गंभीर आरोप
वैसे तो IPS डी रूपा खबरों में रहने से थोड़ा दूरी बनाए रखती हैं लेकिन उनका काम ही ऐसा है कि हमेशा उन्हें सुर्खियों में बनाए रखता है. इस बार उन्होंने अपने सीनियर, यानी DGP के. सत्यनारायण राव पर ये आरोप लगाया कि वो उनके काम में बाधा डाल रहे हैं. दरअसल उन्होंने खुलासा किया कि वो बीती 10 जुलाई को उस जेल में गई थीं जहां शशिकला को रखा गया है. शशिकला के बैरक को देख वह हैरान रह गईं. शशिकला को बैरक से अटैच एक किचन दिया गया है, जिसमें उन्हें खास खाना दिया जाता है.
जेल प्रशासन की खोली पोल
उन्होंने बताया कि यह किचन बनवाने के लिए जेल प्रशासन को दो करोड़ रुपये दिए गए थे. इसके अलावा उन्होंने वहां कई अवैध गतिविधियां होते देखीं. उनके मुताबिक, उन्होंने 25 कैदियों का ड्रग टेस्ट कराया, जिसमें 18 का टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया. फेक पेपर स्टैंप केस में दोषी पाए गए अब्दुल करीम तेलगी, जिसको भर्ती के वक्त व्हीलचेयर चलाने के लिए एक व्यक्ति दिया गया था, वो असल में जेल में 4 लोगों से मालिश करवा रहा था. इन आरोपों के बदले पुलिस महकमे की ओर से रूपा को शो कॉज नोटिस भेजा गया है.
पहले भी ले चुकी हैं सिस्टम से टक्कर
अपने बेबाक और तेजतर्रार तेवर के चलते रूपा ने इससे पहले भी कई बार सिस्टम से लोहा लिया है. गौरतलब है कि बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने एक आर्टिकल को ट्विटर पर टैग किया कि ऐसे कई अफसर हैं जिन्होंने अपनी मनचाही जगह पर ट्रांसफर न मिलने पर अपना राज्य ही बदल लिया. इन अफसरों में रूपा का भी नाम था. रूपा ने फौरन सांसद महोदय को जवाब दिया, 'ब्यूरोक्रेसी को राजनीति से मुक्त रहने दीजिए जनाब. अफसरों को राजनीति में मत घसीटिए, क्योंकि आने वाले समय में इससे सिस्टम और समाज दोनों को ही कोई फायदा नहीं होगा.'
तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को किया अरेस्ट
बता दें कि डी रूपा जब मध्य प्रदेश में बतौर एसपी पोस्टेड थीं, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के चलते गिरफ्तार किया था. वह जब बंगलुरु में बतौर डीसीपी पोस्टेड थीं, इन्होंने पुलिस वालों को VVIP लोगों की सेवा से हटा लिया था. इन लोगों में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी शामिल थे. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के काफिले से गैर सरकारी ढंग से शामिल होने वाली पुलिस की गाड़ियों को भी निकलवा लिया था. उनके इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में उनका नाम हर नेता और अधिकारी की जबां पर चढ़ चुका था.
2000 बैच की आईपीएस अफसर हैं डी रूपा
डी रूपा साल 2000 बैच की आईपीएस अफसर हैं. उनका बचपन कर्नाटक के दावनगेरे शहर में बीता है. रूपा हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहीं. MA के बाद उन्होंने NET का एग्जाम क्लियर किया, JRF निकाला और उसके साथ-साथ IPS की तैयारी भी करती रहीं. उन्होंने UPSC में चयन जाने के बाद JRF छोड़ दिया. UPSC की परीक्षा में उनकी 43वीं रैंक आई थी. इतना ही नहीं, वह एक ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर हैं. भारतीय संगीत में भी उन्होंने ट्रेनिंग ली है. इसके अलावा रूपा शार्प शूटर रहीं हैं और उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान कई अवॉर्ड जीते हैं. दो बच्चों की मां डी रूपा के पति मुनीश एक आईएएस अफसर हैं. फिलहाल इस मामले के मीडिया में सुर्खियां बटोरने के बाद डी रूपा का ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्हें बतौर आईजी (ट्रैफिक एंड रोड सेफ्टी) नई तैनाती दी गई है.
राहुल सिंह