जानें PM मोदी की 4 अफ्रीकी देशों के दौरे से जुड़ी 6 बड़ी बातें

35 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री केन्या के दौरे पर जा रहा है. 4 देशों की यात्रा के दौरान पेट्रोलियम, सी सिक्योरिटी, बिजनेस, इंवेस्टमेंट, एग्रिकल्चर और फूड सेक्टर्स को लेकर बातचीत होगी.

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35 साल भारतीय प्रधानमंत्री की केन्या यात्रा 35 साल भारतीय प्रधानमंत्री की केन्या यात्रा

सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से चार अफ्रीकी देशों मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और केन्या की पांच दिवसीय यात्रा की शुरुआत मोजांबिक से कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोजांबिक पहुंच गए हैं. पीएम की यह यात्रा आर्थिक, रणनीतिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

खास बात ये है कि 35 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री केन्या के दौरे पर जा रहा है. 4 देशों की यात्रा के दौरान पेट्रोलियम, सी सिक्योरिटी, बिजनेस, इंवेस्टमेंट, एग्रिकल्चर और फूड सेक्टर्स को लेकर बातचीत होगी.

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पढ़िए भारत के संदर्भ में इन चार देशों से जुड़ी छह बड़ी बातें

1. मोजांबिक में प्राकृतिक गैस का अकूत भंडार है, जो भारत में ऊर्जा आपूर्ति का सस्ता और बेहतर साधन बन सकता है. इसी साल अप्रैल में तेल और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने मोजांबिक दौरे पर गैस खरीद समझौते पर बात की थी.

2. तिलहन और दालों की कम उपज के चलते भारत इनका आयात बाहरी देशों से करता है. हाल ही में कैबिनेट ने मोजांबिक से दाल खरीद समझौते पर करार करने का फैसला लिया है.

3. तंजानिया, केन्या और मोजांबिक जैसे देशों में कृषि के लिए उपजाऊ भूमि की उपलब्धता के मद्देनजर भारत यहां खेती करने के लिए ठेके पर जमीन चाहता है. इस तरह पीएम की यह यात्रा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम माना जा सकता है.

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4. सुरक्षा के नजरिए से भी भारत को इन देशों से संबंध बेहतर बनाने की जरूरत है, क्योंकि हिंद महासागर के जरिए जुड़ने वाले इन देशों के साथ रक्षा और नौसैनिक सहयोग से समुद्री सुरक्षा का विस्तार संभव है.

5. मोजांबिक में भारतीय मूल के 20 हजार लोग, तंजानिया में 50 हजार लोग और केन्या में 80 हजार भारतीय मूल के लोग रहते हैं.

6. पिछले एक महीने में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अफ्रीकी देशों की यात्रा कर चुके हैं. पीएम का यह दौरा अफ्रीकी देशों के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है, जब एनएसजी की सदस्यता हासिल करने में भारत की कोशिशें जारी हैं और दक्षिण अफ्रीका इस समूह का सदस्य भी है.

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