बच्चों को अक्सर आपने मिट्टी खाते देखा होगा. लेकिन 90 साल का कोई इंसान आपसे कहे कि रोज 1 किलो मिट्टी खाए बिना उसे चैन नहीं मिलता, तो आपका कैसा रिएक्शन
होगा? बात तो चौंकने वाली ही है, लेकिन सच है. उत्तरप्रदेश के शाहजहां जिले के काजरी नूरपुर गांव में रहने वाली 92 वर्षीया सुदामा देवी इसकी जीती जागती मिसाल
हैं.
सुदामा देवी बताती हैं कि उन्होंने 10 साल की उम्र में सहेलियों के कहने पर मजाक-मजाक में मिट्टी खाना शुरू किया था. मतलब यह कारनामा वो पिछले करीब 80 सालों से भी ज्यादा समय से करती आ रही हैं. ताज्जुब की बात यह है कि इतने सालों से बिना किसी नुकसान के वो मिट्टी को पचा भी रही हैं. शौक का तो पूछिए ही मत. उनका कहना है कि वो सूखी मिट्टी खाने से पहले थोड़ी मिट्टी एक ग्लास पानी मिलाकर पीती हैं. इसके अलावा संतरे आदि से भी सूखी मिट्टी लगा लगा कर खाती हैं.
उनके पति कृष्ण कुमार से उनके कुल 10 बच्चे भी हुए (7 लड़के और 3 लड़कियां). लेकिन उनमें से फिलहाल 3 लड़के और 1 लड़की ही जीवित हैं. डॉक्टर उन्हें पूरी तरह
फिट बताते हैं और खुद सुदामा देवी को भी अपने इस शौक से कोई परेशानी नहीं है.
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