इंडियन रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान बुक हुए टिकटों को रद्द करवाने वाले लोगों को 1185 करोड़ रुपए रिफंड कर दिए हैं. रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन की अवधि में बुक किए गए ट्रेन टिकट को रद्द करने के एवज में यात्रियों को 1885 करोड़ रुपए वापस कर दिए गए हैं. बता दें कि रेलवे ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लगे लॉकडाउन के दौरान अपनी नियमित यात्री ट्रेन सेवा रद्द कर दी थी. इससे लाखों की संख्या में टिकट रद्द किए गए थे.
इंडियन रेलवे के मुताबिक, 'सारी ट्रेनों को रद्द किए जाने के कारण रेलवे के समक्ष यात्रियों को भारी मात्रा में राशि वापस करने की चुनौती थी. रेलवे ने 21 मार्च से 31 मई के बीच ऑनलाइन तरीके से बुक टिकट के एवज में रद्द टिकटों के लिए 1885 करोड़ रुपए यात्रियों को वापस कर दिए हैं.'
रेलवे के अनुसार टिकट खरीदने में लगी समस्त राशि लौटा दी गई है. रेलवे ने कहा है कि टिकट बुक करते समय जिस खाते से भुगतान हुआ था, वहां पर राशि भेज दी गई है. रेलवे के कदम से यात्रियों को समय पर अपनी राशि का भुगतान हो गया है और अपनी रकम के लिए पीआरएस काउंटर जाने से बचना पड़ गया.
कोरोना काल में रेल टिकट बुकिंग में कैसे मिलेगी छूट? जान लें रियायत और रिफंड के नियम
बता दें कि रेलवे ने ऑनलाइन और देशभर के टिकट काउंटर से बुकिंग के साथ टिकट कैंसिल कराने की इजाजत दे दी है. रेलवे के मुताबिक टिकट कैंसिल करने पर सामान्य ट्रेनों की तरह ही नियम, 2015 लागू होगा. यानी पहले जितना रिफंड मिलता था उतना ही रिफंड अब भी मिलेगा.
बता दें कि भारतीय रेलवे ने 3 जून तक देश भर में 4197 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें चलाई हैं. इसमें 58 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की और अपने घर पहुंचे. श्रमिक स्पेशल के अलावा रेलवे द्वारा 12 मई से 15 जोड़ी विशेष राजधानी ट्रेनों और 1 जून, 2020 से 100 जोड़ी विशेष मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया जा रहा है. हालांकि, राज्यों से किसी प्रकार की मांग न होने के कारण रेलवे श्रमिक स्पेशल को बंद करने पर विचार कर रहा है.
aajtak.in