2050 में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बनेगा भारत!

भारत वर्ष 2050 तक दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश हो जाएगा और इस मामले में वह अभी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा जबकि उस वक्त तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं की हो जाएगी.

Advertisement
Symbolic image Symbolic image

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 03 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

भारत वर्ष 2050 तक दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश हो जाएगा और इस मामले में वह अभी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा जबकि उस वक्त तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं की हो जाएगी.

पियू रिसर्च सेंटर द्वारा गुरुवार को जारी धर्म संबंधी अनुमानों के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया की कुल आबादी की तुलना में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ने का अनुमान है और हिंदू व ईसाई आबादी विश्वव्यापी जनसंख्या वृद्धि की गति के अनुरूप रहेगी.

Advertisement

सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बनेगा भारत!
इसमें कहा गया, ‘भारत हिन्दू बहुमत वाला देश बना रहेगा लेकिन वह इंडोनेशिया को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश भी बन जाएगा.’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 17. 7 करोड़ मुस्लिम आबादी की तुलना में अभी इंडोनेशिया में करीब 20. 5 करोड़ मुस्लिम आबादी है. इसके मुताबिक, ‘अगले चार दशकों में ईसाई सबसे बड़ा धार्मिक समूह बना रहेगा लेकिन इस्लाम किसी भी अन्य बड़े धर्म की तुलना में तेज गति से बढ़ेगा.’

बराबर हो जाएगी मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी!
रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई कि वर्ष 2050 तक इतिहास में पहली बार मुस्लिमों (2.8 अरब या जनसंख्या का 30 प्रतिशत) की संख्या और ईसाइयों की संख्या (2.9 अरब या जनसंख्या का 31 प्रतिशत) लगभग समान होगी. इसमें कहा गया है, ‘मुसलमानों की आबादी दुनिया भर में ईसाइयों के करीब होगी.’ अगर यह रूझान जारी रहता है तो 2070 के बाद इस्लाम सबसे लोकप्रिय धर्म होगा. वर्ष 2050 तक मुस्लिम यूरोप की आबादी के करीब 10 फीसदी होंगे जो 2010 के 5.9 फीसदी से अधिक होगा.

Advertisement

दुनियाभर में 34 फीसदी बढ़ेगी हिंदुओं की आबादी!
रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुओं की आबादी दुनिया भर में 34 फीसदी बढ़ने का अनुमान है जो एक अरब से कुछ अधिक बढ़कर 2050 तक करीब 1.4 अरब हो जाएगी. इसमें कहा गया कि वर्ष 2050 तक दुनिया की कुल जनसंख्या में तीसरे स्थान पर हिंदुओं की आबादी होगी. वे दुनिया की कुल जनसंख्या का 14.9 फीसदी होंगे. इसके बाद वे लोग होंगे, जो किसी धर्म को नहीं मानते. इन लोगों की संख्या 13.2 फीसदी होगी. फिलहाल किसी भी धर्म में आस्था न रखने वाले लोग दुनिया की कुल जनसंख्या में तीसरे स्थान पर हैं. इस अवधि तक यूरोप में हिंदुओं की आबादी करीब दोगुनी होने की उम्मीद है. यह मुख्य रूप से आव्रजन के चलते करीब 28 लाख (0. 4 फीसदी) हो जाएगी.

ब्रिटेन में ईसाई अल्पसंख्यक धर्म बनेगा!
उत्तर अमेरिका की आबादी में हिंदुओं की संख्या अगले दशकों में करीब दोगुनी होने की उम्मीद है. बौद्ध धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है, जिसके अनुयायियों के बढ़ने की संभावना नहीं है. ऐसा इस धर्म के अनुयायियों की अधिक उम्र होने और बौद्ध देशों (चीन, जापान व थाईलैंड) में स्थिर प्रजनन दरों के कारण होगा. अध्ययन में यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक हर नौ ब्रिटिश में एक मुसलमान होगा. वहां ईसाई अल्पसंख्यक धर्म बनने वाला है. अनुमानों के मुताबिक ईसाई के रूप में पहचान रखने वाली ब्रिटेन की आबादी 2050 तक करीब एक तिहाई रह जाएगी और यह महज 45.4 फीसदी होगी.

Advertisement

इनपुट भाषा से

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement