विराट कोहली पर लगा चोकर का ठप्पा, कोई भी बड़ा खिताब दिलाने में रहे नाकाम

मौजूदा दौर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शुमार कोहली को बल्लेबाज के तौर पर ही नहीं, कप्तान के तौर पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए बड़ा मौका था. लेकिन वह न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में महज 1 रन बनाकर आउट हो गए.

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तरुण वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों और शतकों की झड़ी लगाने वाले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का सफर तो बहुत शानदार रहा, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में वह चूक गए ठीक वैसे ही जैसा कि पाकिस्तान के खिलाफ 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में.

विराट कोहली का जादू न तो अब तक आईपीएल टूर्नामेंट में चला और न ही किसी ग्लोबल क्रिकेट टूर्नामेंट में. आईपीएल में भी कोहली अब तक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को चैम्पियन बनाने में नाकामयाब रहे हैं और अब वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में भी उन पर लगा चोकर्स का ठप्पा हटने का नाम नहीं ले रहा है.  

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मौजूदा दौर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शुमार कोहली को बल्लेबाज के तौर पर ही नहीं, कप्तान के तौर पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए बड़ा मौका था. लेकिन वह न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में महज 1 रन बनाकर आउट हो गए. विराट कोहली की बात करें तो वह वर्ल्ड कप 2015 सेमीफाइनल मैच में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक रन बनाकर आउट हुए थे. यह पहला मौका नहीं है जब विराट कोहली वर्ल्ड कप के किसी नॉकऑउट मैच में फ्लॉप हुए हैं.

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इससे पहले कोहली 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ महज नौ रन बनाकर आउट हुए थे. उस मैच में वह तेज गेंदबाज वहाब रियाज की गेंद पर उमर अकमल के हाथों कैच आउट हुए थे. इसके बाद कोहली 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक रन बनाकर आउट हुए थे. उस मैच में वह कंगारू तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन की गेंद पर ऊंचा शॉट खेल बैठे और विकेटकीपर ब्रैड हेडिन के हाथों लपके गए.

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विराट कोहली वर्ल्ड कप के नॉकऑउट मैचों में 12.16 की औसत से महज 73 रन ही बना पाए हैं. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 56.15 का रहा है जो बेहद शर्मनाक है. कोहली के पास कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के क्लब में शामिल होने का मौका था. 1983 में भारत को कपिल देव ने पहली बार वर्ल्ड कप जिताया था. उसके ठीक 28 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को 2011 का वर्ल्ड चैंपियन बनाया. लेकिन 8 साल बाद विराट कोहली भारत को तीसरा वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जिता पाए.

2017 में कोहली ने इंग्लैंड में खेले गए मिनी वर्ल्ड कप यानी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचाया था. लेकिन, इस बार फैंस को उम्मीद थी कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2017 उपविजेता बनाने वाले कोहली इस बार भारतीय टीम को वर्ल्ड कप जितवा देंगे. लेकिन, हुआ इसके बिलकुल उलट.

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