लीड्स में निर्णायक जंग कल, सीरीज जीतने पर विराट ब्रिगेड की नजरें

टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला मंगलवार शाम 5 बजे से लीड्स के हेडिंग्ले स्टेडियम में खेला जाएगा.

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टीम इंडिया (Getty images) टीम इंडिया (Getty images)

तरुण वर्मा

  • लीड्स ,
  • 16 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला मंगलवार शाम 5 बजे से लीड्स के हेडिंग्ले स्टेडियम में खेला जाएगा.

पिछले मैच में मिडिल ऑर्डर की कमजोरियों के उजागर होने के बाद भारतीय टीम कल इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले निर्णायक वनडे में इन कमियों को दूर करना चाहेगी जिसमें जीत से विराट कोहली के खिलाड़ी लगातार 10वीं सीरीज अपने नाम कर लेंगे.

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सीरीज जीत पर विराट के धुरंधरों की नजरें

नॉटिघंम में पहले मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करने के बाद लॉर्ड्स में टीम को 86 रन की हार झेलनी पड़ी, जिससे दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गई.

लंदन में जीत से इंग्लैंड का आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक वनडे टीम के रूप में शीर्ष स्थान पक्का हो गया. वहीं हेडिंग्ले में भारत के लिए जीत अंतर कम करने वाली और एक अगस्त से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने वाली रहेगी.

भारत ने इससे पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी. वहीं द्विपक्षीय वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है.

वनडे में जारी है टीम इंडिया का विजय रथ

जनवरी 2016 में भारत को बाईलैटरल वनडे इंटरनेशनल सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन इसके बाद से उसने हर द्विपक्षीय वनडे सीरीज अपने नाम की है. उसने जिम्बाब्वे, न्यूजीलैंड (दो बार), इंग्लैंड , वेस्टइंडीज , श्रीलंका (दो बार), ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को घरेलू और उसके मैदान पर पराजित किया.

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वनडे में इंग्लैंड पर भारत का दबदबा बरकरार

टीम इंडिया के लिए यह इंग्लैंड पर वनडे श्रेष्ठता सुनिश्चित रखने का एक और मौका होगा क्योंकि भारत ने 2011 के बाद इस प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ द्विपक्षीय वनडे इंटरनेशनल सीरीज नहीं गवाई है. सात साल पहले यहां 0-3 हार के बाद भारत ने दबदबा बरकरार रखा है और 17 मैचों में से 10 में फतह हासिल की है.

साल 2015 के बाद से इंग्लैंड के सफेद गेंद के क्रिकेट में प्रभुत्व को देखते हुए पिछले दो मुकाबलों में समीकरण संतुलित हो गए हैं. भारत ने जनवरी 2017 में घरेलू सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी और मौजूदा सीरीज में भी मुकाबला इसी अंतर पर समाप्त होगा, भले ही कोई भी टीम जीते.

हालांकि इंग्लैंड का टी-20 के बजाय वनडे में दबदबा मजबूत है. पिछले मुकाबले को देखा जाए तो इसमें भारत की 50 ओवर के प्रारूप की कमजोरी उजागर हुई जो टी-20 क्रिकेट की वजह से कुछ हद तक छुपी रही हैं.

टीम इंडिया ताकत और कमजोरी 

भारतीय स्पिनरों की बात करें तो वे पूरे मैच में प्रभावशाली रहे लेकिन तेज गेंदबाजी आक्रमण में पैनेपन की कमी दिखी , विशेषकर अंतिम ओवरों में. लॉर्ड्स में अंतिम आठ ओवरों में उन्होंने 82 रन गंवाए जिसमें उमेश यादव, सिद्धार्थ कौल और हार्दिक पंड्या ने छह ओवरों में 62 रन लुटाए.

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इससे भारतीय टीम की भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह पर निर्भरता भी दिखी. श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के पिछले दौरों पर भुवनेश्वर के प्रदर्शन को देखते हुए भारत को इस वनडे सीरीज में उनकी काफी कमी खल रही है और उनकी फिटनेस या उपलब्धता पर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है.

उन्होंने दूसरे वनडे से पहले लॉर्ड्स पर नेट पर गेंदबाजी भी की और वह उबरने की राह पर हैं. लेकिन यह देखना बाकी है कि उन्हें इस निर्णायक मुकाबले में कौल या उमेश यादव की जगह टीम में शामिल किया जाता है या नहीं.

मिडिल ऑर्डर दबाव के बोझ से घिरा है, क्योंकि भारत चौथे नंबर के लिए स्थायी खिलाड़ी नहीं ढूंढ सका है. हालांकि किसी भी सफल वनडे टीम के लिए यह स्थान सबसे ज्यादा अहम होता है और पिछले कुछ समय से भारत इस स्थान के लिए हल ढूंढने में जूझ रहा है.

इस सीरीज में लोकेश राहुल ने चौथे नंबर पर वापसी की है. उनकी सबसे बड़ी परीक्षा लॉर्ड्स पर थी क्योंकि वह पिछले कुछ समय से काफी अच्छी लय में हैं लेकिन वह शून्य पर आउट हो गए.

भारत के पास बेंच पर दिनेश कार्तिक और श्रेयस अय्यर मौजूद हैं. हालांकि टीम प्रबंधन के धोनी के आगे कार्तिक के नाम पर विचार करने की संभावना नहीं है.

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यह भी दीगर हो कि पिछला वनडे ब्रिटेन दौरे पर सिर्फ तीसरा मौका था जब धोनी को मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी का मौका मिला, इससे पहले उन्होंने डबलिन और कार्डिफ में टी-20 में बल्लेबाजी की थी. धोनी को हालांकि कोहली और कोच रवि शास्त्री दोनों का समर्थन प्राप्त है, जिससे एक बार फिर भारत की विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा पर अति निर्भरता दिखती है.

पिछले दो सत्र में इस तिकड़ी ने भारत के वनडे रनों में करीब 60 प्रतिशत रन जुटाए हैं और इस प्रारूप में टीम की लगातार सफलताओं में आधार स्तंभ बन गए हैं.

इंग्लैंड की ताकत और कमजोरी 

इंग्लैंड के लिए यह भारत के खिलाफ अपना रिकॉर्ड सुधारने का ही मौका नहीं होगा, बल्कि हाल के दिनों में सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्वी टीम पर जीत दर्ज करना वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए भी अहम होगा.

जो रूट जहां रन जुटाने रहे हैं, वहीं अन्य बल्लेबाज भी कलाई की स्पिन का बेहतर ढंग से सामना कर रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की फॉर्म होगी.

यह समझा जा सकता है कि हालिया हैमस्ट्रिंग चोट का असर वह अब भी महसूस कर रहे हैं और अपनी क्षमता के अनुसार नहीं खेल पा रहे हैं. लेकिन वह टीम का हिस्सा बने रहेंगे.

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टीमें इस प्रकार हैं:

इंग्लैंड:

इयोन मॉर्गन (कप्तान), जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टॉ, जोस बटलर (विकेटकीपर), मोईन अली, जो रूट, जैक बॉल, लियाम प्लंकेट, बेन स्टोक्स, आदिल राशिद, डेविड विली, मार्क वुड  और  जेम्स विंस.

भारत:

विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना, हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, श्रेयस अय्यर, सिद्धार्थ कौल, अक्षर पटेल, उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर, भुवनेश्वर कुमार.

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