जिस जिम्मेदारी को निभाने का मौका किसी सरकारी बाबू को केवल आजादी के वक्त मिला, आज वहीं जिम्मा पश्चिम बंगाल के कूच बिहार के डीम को सौंपा गया है. भारत और बांग्लादेश शुक्रवार आधी रात आधिकारिक रूप से जमीन की अदला बदली करेंगे. इसके फौरन बाद भारत में शामिल हुए हिस्सों को सरकार पिन कोड एलॉट कर देगी.
पिन कोड मिलते ही इन इलाकों को भारत का हिस्सा मान लिया जाएगा और यहां अभी तक गुमनामी की जिंदगी जी रहे लोगों को भारतीय पहचान भी मिल जाएगी. कूच बिहार के डीएम पी उलगानाथन ने कहा, 'जमीन के जिन हिस्सों को लैंड बॉर्डर एग्रीमेंट में शामिल किया गया वहां रहने वाले लोगों को ऑप्शन दिया गया कि वो चाहे तो वहीं उसी जमीन पर रह सकते हैं या स्वदेश लौट सकते हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत के 111 एनक्लेव बांग्लादेश में शामिल होने वाले हैं. इनमें 37 हजार लोग रहते हैं. लेकिन केवल 980 भारत जमीन का मोह छोड़ भारत वापस आना चाहते हैं.'
14000 बांग्लादेशी शनिवार से कहलाएंगे भारतीय
करार के अनुसार कुल 14 हजार लोग ऐसे हैं जो उन एनक्लेव पर रह रहे हैं जिसे अब बांग्लादेश से भारत में शामिल होना है. लेकिन इन लोगों ने अपना 68 साल पुराना घर बार छोड़ने से इंकार कर दिया है. इसलिए आधिकारिक
रूप से शनिवार से इन सभी को भारतीय नागरिक का दर्जा मिल जाएगा.
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