दो साल में 500 से ज्‍यादा ATM हुए कम, RBI की रिपोर्ट में खुलासा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में एटीएम मशीनों की संख्या में कमी आई है.

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सामने आई आरबीआई की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई आरबीआई की चौंकाने वाली रिपोर्ट

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 08 जून 2019,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

बीते दो साल में देश में करीब 597 एटीएम कम हो गए. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह चौंकाने वाली रिपोर्ट  'बेंचमार्किंग इंडिया पेमेंट सिस्टम' नाम से जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के आखिर में जहां एटीएम मशीनों की संख्या 2,22,300 थी वह 31 मार्च 2019 तक घटकर 2,21,703 रह गई. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि भारत में जितना कैश सर्कुलेशन में होता है उसके हिसाब से एटीएम का इस्तेमाल काफी कम है.

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फिलहाल भारत में एटीएम की संख्या में भले कमी आ रही हो लेकिन 2012 से 2017 के बीच इनके लगने की स्पीड में भारत सिर्फ चीन से पीछे था. रिपोर्ट के मुताबिक 6 सालों के बीच (2012 से 2017) एटीएम की संख्या लगभग डबल हो गई थी. 2012 में 10,832 लोगों पर एक एटीएम था वहीं 2017 में 5,919 लोगों पर एक एटीएम हो गया. हालांकि, एटीएम की बढ़ती गिनती को अगर जनसंख्या के हिसाब से देखा जाएगा तो इसका ग्रोथ रेट कम ही है.

हाल ही में यह रिपोर्ट आई थी कि बैंक लगातार एटीएम की संख्‍या में कटौती कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सख्त नियमों के कारण बैंकों और एटीएम मशीनों को लेकर जरूरी बदलाव करने पड़ रहे हैं. इस वजह से एटीएम और बैकों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ रही है. यही वजह है कि मशीनों की संख्‍या कम हो रही है.

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अहम बात यह है कि  ATM मशीनों की संख्‍या कम होने के बाद भी ट्रांजेक्‍शन की संख्‍या बढ़ती जा रही है. बता दें कि कॉन्फिडेरेशनल ऑफ एटीएम इंडस्‍ट्रीज (CATMi) ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि साल 2019 में भारत के आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो जाएंगे. सीएटीएमआई ने तब बताया था कि देश में करीब 2  लाख 38 हजार एटीएम हैं, जिनमें से करीब 1 लाख 13 हजार एटीएम मार्च 2019 तक बंद होने थे.

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