370 पर अमेरिकी मीडिया के रुख से भारत खफा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुनाई खरी-खरी

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी मीडिया को फटकार लगाते हुए कहा है कि अंग्रेजी में बात करने वाला कथित लिबरल मीडिया कश्मीर को लेकर भारत के साथ भेदभाव कर रहा है. जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी मीडिया के पूर्वाग्रहपूर्ण रवैये की वजह से अनुच्छेद-370 पर भारत को अपना रुख स्पष्ट करने में दिक्कतें आ रही है.  

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो-ANI) भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो-ANI)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

  • अमेरिकी मीडिया कश्मीर पर भेदभाव कर रहा है- जयशंकर
  • कश्मीर की सही तस्वीर नहीं पेश कर रहा US मीडिया

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी मीडिया को फटकार लगाते हुए कहा है कि अंग्रेजी में बात करने वाला कथित लिबरल मीडिया कश्मीर को लेकर भारत के साथ भेदभाव कर रहा है. एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी मीडिया के पूर्वाग्रहपूर्ण रवैये की वजह से अनुच्छेद-370 पर भारत को अपना रुख स्पष्ट करने में दिक्कतें आ रही हैं.

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अमेरिका की लिबरल मीडिया को क्लास  

यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम यूएस-इंडिया लीडरशिप को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अपने फैसले पर भारत अमेरिकी सांसदों को अपना स्टैंड बताना चाहता है लेकिन अमेरिकी मीडिया के पूर्वाग्रहपूर्ण रवैये के कारण ऐसा करना मुश्किल हो रहा है. एस. जयशंकर ने अमेरिकी मीडिया के लिए “English-speaking so-called liberal media” का इस्तेमाल किया है.

सही तस्वीर पेश नहीं कर रहा अमेरिकी मीडिया

एस. जयशंकर ने कहा, "मुझे लगता है कि मीडिया के लिए ये एक कठिन चुनौती थी, खासकर पश्चिम की अंग्रेजी में काम करने वाले लिबरल मीडिया के लिए, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को लेकर वे वैचारिक थे, और उनके सख्त विचार थे, मेरी राय है कि वे वहां की सही तस्वीर पेश नहीं करते हैं." विदेश मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना भारत सरकार का आंतरिक फैसला था और ये कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए किया गया."

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370 ने सीमित कर दिए थे मौके

एस. जयशंकर ने कहा, "कश्मीर में विकास के लिए बाधाएं थी, यहां पर बिजनेस करने की लागत ज्यादा थी, अनुच्छेद-370 व्यवसाय करने के स्कोप को कम कर देता था और खर्च बढ़ा देता था, इसका सीधा मतलब था कि यहां पर विकास के मौके कम थे."

विदेश मंत्री ने कहा कि जब लोगों को पता चला कि अनुच्छेद-370 अस्थायी प्रावधान था तो लोगों को हैरानी हुई, क्योंकि मीडिया इसके बारे में बता ही नहीं रहा था.

बता दें कि हाल के दिनों में न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अंग्रेजी अखबारों में कश्मीर को लेकर भारत की नीतियों की गैर-जरूरी आलोचना की गई है. कई अमेरिकी समाचार पत्रों में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया गया है, लेकिन भारत ने इस आरोपों का पुरजोर तरीके से खंडन किया है.

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